कांग्रेस का कहना है कि वह चुनावी प्रक्रिया में जनता का भरोसा बढ़ाने के लिए VVPAT के अधिक इस्तेमाल पर राजनीतिक अभियान जारी रखेगी।
उसने यह बात तब कही जब सुप्रीम कोर्ट ने EVM के जरिए डाले गए वोट का वीवीपैट के साथ शत-प्रतिशत मिलान कराने संबंधी याचिकाएं खारिज कर दीं।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि वीवीपैट पर एससी की ओर से खारिज की गई याचिका में कांग्रेस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पक्षकार नहीं थी।
रमेश ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘हमने 2 जजों की पीठ के फैसले पर ध्यान दिया है। मगर, चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए वीवीपैट के अधिक से अधिक उपयोग पर हमारा राजनीतिक अभियान जारी रहेगा।’
एससी का फैसला कांग्रेस के लिए करारा तमाचा?
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कांग्रेस के लिए करारा तमाचा बताए जाने पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि जब शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया तो भाजपा को करारा तमाचा लगा था। कांग्रेस महासचिव ने अपने पोस्ट में कहा, ‘याद रखें कि कुछ हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार से भरी चुनावी बॉन्ड योजना को न केवल अवैध, बल्कि असंवैधानिक घोषित करके प्रधानमंत्री को करारा तमाचा मारा था।’
रमेश ने कहा कि वास्तव में यह प्रधानमंत्री हैं जिन्हें चंदा इकट्ठा करने के अपने चार रास्तों के माध्यम से पिछले 5 वर्षों में 8,200 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए-
1. चंदा दो, धंधा लो
2. ठेका लो, घुस दो
3. हफ्ता वसूली
4. फर्जी कंपनियां।
मालूम हो कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के माध्यम से डाले गए मतों का ‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (VVPAT) के साथ पूर्ण सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि प्रणाली के किसी भी पहलू पर आंख बंद करके अविश्वास करना अनुचित संदेह पैदा कर सकता है।