दुनिया के दो ताकतवर मुल्कों इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है।
दूसरी ओर अमेरिका भी अपने दोस्त इजरायल के लिए ईरान पर सख्त ऐक्शन मोड में है। इजरायल के आग्रह पर अमेरिका ईरान पर पाबंदियों की झड़ी लगाने जा रहा है।
अमेरिका का कहना कि ईरान पर जल्द ही पाबंदी लगाई जाएगी। अमेरिका के इस कदम से ईरान बौखलाया हुआ है। ईरान पहले ही अमेरिका को चेतावनी दे चुका है कि अगर उसने हस्तक्षेप किया तो वह चुप नहीं बैठेगा।
ईरान के पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में एक इस्लामिक गार्ड कॉर्प्स के अलावा आतंकियों की कई फौज है, जो उसे बाहरी खतरे से बचाते हैं।
इस्लामिक गार्ड कॉर्प्स ने ही इजरायल पर बीते दिनों ड्रोन और मिसाइलों की बारिश की थी। ईरान के पास इसके अलावा फिलीस्तीन में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह और यमन में हूती विद्रोहियों का भी पूरा समर्थन है। ये वे आतंकी संगठन हैं जो इजरायल ही नहीं अमेरिका को भी टेंशन दे सकते हैं।
ईरान अपने लिए सबसे बड़ा खतरा अमेरिका को मानता है। मध्य पूर्व में ईरान खुद को अमेरिका का प्रॉक्सी भी बताता है। उसके लिए दूसरा बड़ा दुश्मन इजरायल है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के मामले में जानकारी रखने वाले अली वाएज़ का कहना है कि ईरान ने मध्य पूर्व में आतंकियों का ऐसा नेटवर्क बनाया है जिसके दम पर वह बिना लड़े अपनी ताकत की नुमाइश करता रहे।
ईरान को कोई युद्ध लड़े 30 बरस हो गए हैं और अक्सर उसके हथियारों से आतंकी हमलों को अंजाम देते रहे हैं। इनसे ईरान अपने मंसूबे भी पूरे कर लेता है।
हमास, हिजबुल्लाह, हूती… लंबी है ईरान की आतंकी फौज
इजरायल लंबे समय से फिलिस्तीन में हमास का आतंक झेल रहा है। अब इजरायल गाजा में हमास के पूर्ण खात्मे के लिए ऑपरेशन भी चला रहा है।
लेबनान में हिजबुल्लाह भी इजरायल का बड़ा दुश्मन है। ईरान हमास और हिजबुल्लाह को अपना समर्थन देता है। ईरान पर इन आतंकी संगठनों को हथियार सप्लाई करने भी आरोप लगते रहे हैं।
यही वजह है कि ईरान के खिलाफ इजरायल और अमेरिका ने मुहिम छेड़ दी है। इसके अलावा ईरान यमन में हूती विद्रोहियों को भी अपना समर्थन देता है।
ये वे संगठन हैं, जिन्हें पश्चिम ने आतंकी संगठन घोषित किया है। सीरिया में कई प्रतिबंधित संगठन भी ईरान के इशारे पर संचालित होते हैं।
ईरान पर अमेरिकी ऐक्शन
संयुक्त राज्य अमेरिका ने चेतावनी दी है कि वह इज़राइल पर अभूतपूर्व हमले के बाद ईरान पर नए प्रतिबंध लगाएगा।
अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने मंगलवार को कहा कि तेहरान पर नए प्रतिबंध उसके तेल निर्यात की क्षमता को कम करने के लिए हो सकते हैं।
ईरान पर वाशिंगटन के प्रतिबंधों ने पहले से ही देश के साथ लगभग सभी अमेरिकी व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है, अमेरिका में ईरानी सरकार की संपत्तियों को अवरुद्ध कर दिया है और अमेरिकी विदेशी सहायता और हथियारों की बिक्री पर रोक लगा दी है।