बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या को रविवार को अपना चुनाव प्रचार कार्यक्रम बीच में ही छोड़ना पड़ गया।
दरअसल, बसवांगुडी स्थित गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक नियामिथा से जुड़े करोड़ों रुपये के घोटाले में कई निवेशकों का पैसा डूब गया था।
इन लोगों ने बेंगलुरु दक्षिण के सांसद को कल घेर लिया और उनसे जवाब मांगने लगे। रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा नेता के साथ धक्का-मुक्की भी हुई।
ये लोग अपने नुकसान के मुआवजे में देरी से भड़के हुए थे। इन्होंने सांसद और बसवांगुड़ी के भाजपा विधायक एलए रवि सुब्रमण्यम जैसे अन्य नेताओं से जवाब मांगा।
इस पर नेताओं की ओर से निवेशकों को शांत करने की कोशिश की गई, मगर वे नहीं माने। इस घटनाक्रम के कुछ वीडियो क्लिप्स सोशल मीडिया पर सामने आए हैं।
इनमें देखा जा सकता है कि सूर्या को उनके सुरक्षाकर्मी कार्यक्रम स्थल से बाहर लेकर जा रहे हैं। वह कुछ निवेशकों के साथ बहस करते भी दिख रहे हैं।
कर्नाटक कांग्रेस की ओर से भी इस घटना का वीडियो ट्वीट किया गया है। इसमें तेजस्वी सूर्या पर कटाक्ष करते हुए कहा गया कि उन्हें ‘इमरजेंसी एग्जिट डोर’ से बाहर लेकर जाना पड़ा।
गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक में पैसा डूबने से पीड़ितों ने बीजेपी सांसद पर अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने इनकी शिकायतें सुनने के लिए एक दिन का भी समय नहीं दिया।’
राज्य कांग्रेस ने इसे लेकर सूर्या और सुब्रमण्यम के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का फैसला किया है। यह आरोप लगाया गया कि इन्होंने अपने लोगों को जमाकर्ताओं को संभालने और घटना की रिकॉर्डिंग कर रहे चुनाव एजेंटों की पिटाई करने का निर्देश दिया।
घटनाक्रम पर तेजस्वी सूर्या की ओर से क्या कहा गया
तेजस्वी सूर्या के ऑफिस ने इस वायरल वीडियो को लेकर बयान जारी किया है। इसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर मीटिंग को बाधित करने का आरोप लगाया गया है।
बयान में कहा गया, ‘भाजपा की बैठकों और सामुदायिक समारोहों में कांग्रेस बाधा डाल रही है। कांग्रेसी नेता अपने कमजोर अभियान के लिए सुर्खियां बटोरने की बेताब कोशिश में लगे हुए हैं।
घटनास्थल से सीधे कांग्रेस नेताओं को वीडियो कॉल किया गया। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वहां मौजूद लोगों के साथ धक्का-मुक्की की, जिसमें वरिष्ठ नागरिक भी शामिल थे।
इसके बाद भी, वे कहानी को आगे बढ़ाने के लिए बेशर्मी से तथ्यों को बदल रहे हैं।’ बयान में कहा गया कि बेंगलुरु दक्षिण में कांग्रेस की यही रणनीति है।
वे हंगामा करना, भ्रम पैदा करना और हमारे सकारात्मक अभियान में रुकावट डालने का काम कर रहे हैं।