सरकार ने कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर यानी विंडफॉल टैक्स को ₹6,800 से बढ़ाकर ₹9,600 प्रति मीट्रिक टन कर दिया है।
यह डीजल और एटीएफ के लिए के लिए शून्य रहेगा। इससे पहले 4 अप्रैल को सरकार ने पेट्रोलियम क्रूड पर विंडफॉल टैक्स ₹4,900 से बढ़ाकर ₹6,800 प्रति मीट्रिक टन कर दिया था।
इससे पहले 15 मार्च, 2024 को वित्त मंत्रालय ने घरेलू कच्चे तेल की बिक्री पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ाकर ₹4,900 प्रति टन कर दिया था। जुलाई 2022 में मोदी सरकार ने कच्चे तेल उत्पादकों को टार्गेट करते हुए अप्रत्याशित कर लगाया।
इसके बाद पेट्रोल, डीजल और विमानन टरबाइन ईंधन (ATF) के निर्यात को कवर करने के लिए इस कर का विस्तार किया गया।
सरकार क्यों लगाती है विंडफॉल टैक्स
इस नीति का उद्देश्य निजी रिफाइनरों को घरेलू बाजार में सप्लाई को प्राथमिकता देने के बजाय विदेशों में इन ईंधनों को बेचकर बढ़ी हुई वैश्विक कीमतों पर पूंजी लगाने से रोकना है। सरकार हर दो सप्ताह में विंडफॉल की दर को समायोजित करती है।
कच्चे तेल के भाव में उबाल
इजरायल पर ईरान के हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल है। मंगलवार को जून डिलीवरी के लिए ब्रेंट वायदा 36 सेंट या लगभग 0.40% चढ़कर 90.46 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जबकि मई डिलीवरी के लिए वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) वायदा 42 सेंट, लगभग 0.42% बढ़कर 85.83 डॉलर पर पहुंच गया है।
ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की आशंका में शुक्रवार को तेल बेंचमार्क में तेजी आई, जिससे कीमतें अक्टूबर के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं।