अडानी का सबसे बड़ा दांव: पाकिस्तान से सटे और पेरिस से 5 गुना बड़ा है रिन्यूएबल एनर्जी पार्क…

गौतम अडानी जब पहली बार 2022 में खावड़ा में उतरे तो उन्होंने मजाक में कहा कि क्या किसी को इस जगह पर एक मच्छर भी मिल सकता है।

तब से उनके ग्रुप ने न केवल सूरज की किरणों को बिजली में बदल देने वाले सोलर पैनल लगाए और 8 मीटर प्रति सेकंड की गति से चलने वाली हवा का उपयोग करने के लिए मिलें बनाईं, बल्कि मजदूरों के लिए कॉलोनियां भी बनाई हैं।

यहां अडानी ने खारे पानी को पंप करने के लिए जमीन से 700 मीटर नीचे डीसैलिनेशन प्लांट भी लगाए हैं।

भारत की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी

अडानी ग्रीन एनर्जी खावड़ा में 30 मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए लगभग ₹1.5 लाख करोड़ का निवेश करेगी। प्रबंध निदेशक विनीत जैन ने कहा, “हमने अभी खावड़ा में 2,000 मेगावाट (2 गीगावॉट) क्षमता चालू की है और मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में 4 गीगावॉट और उसके बाद हर साल 5 गीगावॉट जोड़ने की योजना है।”

उन्होंने कहा कि खावड़ा अपने चरम पर 81 बिलियन यूनिट का उत्पादन करेगा, जो बेल्जियम, चिली और स्विट्जरलैंड जैसे पूरे देशों को बिजली दे सकता है।

जैन ने कहा कि खावड़ा में नियोजित 30 गीगावॉट में 26 गीगावॉट सौर और 4 गीगावॉट पवन क्षमता शामिल होगी।

कैसा है दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क

दुनिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी पार्क के प्रवेश द्वार पर एक पतली हवाई पट्टी है, जिसमें आने वाले हवाई जहाजों का मार्गदर्शन करने के लिए एक एयर ट्रैफिक कंट्रोलर भी नहीं है।

इसका एकमात्र बुनियादी ढांचा एक पोर्टेबल शौचालय और पाकिस्तान की सीमा से लगी मीलों तक बंजर जमीन के बीच एक कंटेनर में अस्थायी कार्यालय है।

हवाई पट्टी दिसंबर 2022 में और भी छोटी थी, जब अडानी ने पहली बार उस बंजर क्षेत्र तक पहुंचने के लिए एक छोटे विमान का इस्तेमाल किया था। यहां कोई पिनकोड भी नहीं था और इसका नाम 80 किलोमीटर दूर एक गांव से पड़ा था।

लद्दाख के बाद सबसे अच्छा

इसकी मिट्टी खारी होने के कारण किसी का आवास तो दूर कोई पौधा भी नहीं था। यह जमीन भले ही किसी फसल के लिए उपजाऊ न हो, लेकिन सोलर एनर्जी के लिए बड़ा ही ‘उपजाऊ’ है। यह लद्दाख के बाद देश में दूसरा सबसे अच्छा सोलर रेडिएशन वाला क्षेत्र और मैदानी इलाकों की तुलना में हवा की गति पांच गुना है, जो रिन्यूएबल एनर्जी पार्क के लिए एक आइडियल स्थान के रूप में कार्य करता है।

बस एक किलोमीटर दूर है पाकिस्तान 

हवाई पट्टी से 18 किलोमीटर की दूरी पर अडानी ग्रुप का खावड़ा रिन्यूएबल पार्क है, जो 538 वर्ग किलोमीटर (पेरिस के आकार का लगभग पांच गुना) में फैला हुआ है।

एनर्जी पार्क का बाहरी किनारा पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा से सिर्फ एक किमी दूर है। एक किलोमीटर का बफर बीएसएफ द्वारा संचालित है।

हवाई पट्टी का उपयोग सप्ताह में कुछ बार मुंद्रा या अहमदाबाद से ग्रुप के अधिकारियों को लाने-ले जाने के लिए किया जाता है।

लगभग 160 किलोमीटर दूर भुज में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर, खावड़ा जाने वाले हवाई जहाजों के लिए अंतिम गाइड पोस्ट है, लेकिन इसकी पहुंच केवल ‘टेंट सिटी’ तक है।

अडानी ग्रुप के स्वामित्व वाले विमान को उड़ा रहे एक पायलट ने कहा, “हम उतरने के लिए विजुअल ऐड्स और हवाई जहाज के नेविगेशन सिस्टम का उपयोग करते हैं। उड़ान भरते समय, हम भुज को फोन पर योजनाओं के बारे में बताते हैं।”

इस क्षेत्र की चुनौतियां: खारा पानी, तेज धूल भरी आंधी

मार्च से जून के दौरान भारी धूल भरी आंधी, कोई संचार और परिवहन बुनियादी ढांचा नहीं, सबसे नजदीक रहने लायक जगह 80 किमी दूर है। बरसात के मौसम में पानी मिट्टी के नीचे नहीं रिसता, यहां तक कि भूजल का खारा होना। अधिकारियों ने कहा कि खावड़ा गांव के कुछ मजदूरों के लिए 8,000 आवास बनाए जा रहे हैं। 

किसकी है जमीन

अधिकारियों ने कहा कि परियोजना पूरी तरह से जल रहित रोबोटिक मॉड्यूल सफाई प्रणालियों से कवर की जाएगी। खावड़ा ज़मीन सरकार की है, जिसने यह जगह अडानी ग्रुप को 40 साल के लिए पट्टे पर दे दी है।

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