इस समय देश में दो आईपीएल चल रहे हैं। एक इंडियन प्रीमियर लीग तो दूसरा इंडियन पॉलिटिकल लीग।
इंडियन प्रीमियर लीग में 22 गज की पिच पर क्रिकेटरों का बल्ला बोल रहा है तो गेंदबाज के दम निकल रहे। इंडियन पॉलिटिकल लीग में चुनाव के मौदान में वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए नेताओं के पसीने छूट रहे हैं।
इसबीच महंगाई की पिच पर आलू-टमाटर-प्याज की तिकड़ी धुआंधार बल्लेबाजी कर रही है। इनकी बल्लेबाजी से आम जनता की शाकाहारी थाली महंगी हो गई है।
प्याज, टमाटर और आलू की कीमतें बढ़ने के कारण मार्च में शाकाहारी थाली सालाना आधार पर सात फीसद तक महंगी हो गई क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस ने अपनी मासिक ‘रोटी चावल दर’ रिपोर्ट में बताया कि आवक कम होने और कम आधार दर के कारण प्याज का दाम सालाना आधार पर 40 फीसद, टमाटर का दाम 36 फीसद और आलू का दाम 22 फीसद बढ़ने से शाकाहारी थाली महंगी हो गई है।
अगर उपभोक्ता मंत्रालय पर दिए गए आंकड़ों की बात करें तो शाकाहारी थाली के भाव बढ़ाने में दालों का भी अहम रोल है। अरहर की दाल एक साल में 28 फीसद से अधिक महंगी हुई है।
उड़द में 14.50 फीसद तो मूंग दाल 10 फीसद तेज हुई है। वहीं, क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल पहले की तुलना में चावल का दाम भी 14 फीसद बढ़ गई हैं।
कितने रुपये प्लेट हो गई कीमत : शाकाहारी थाली रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर और आलू), चावल, दाल, दही और सलाद के साथ थाली की कीमत मार्च में बढ़कर 27.3 रुपये प्रति प्लेट हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 25.5 रुपये थी। हालांकि, फरवरी के 27.4 रुपये की तुलना में मार्च में शाकाहारी थाली की कीमत घटी है।
मांसाहारी थाली के दाम घटे :पॉल्ट्री की कीमतें घटने से पिछले महीने मांसाहारी थाली की लागत में 7 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। मांसाहारी थाली की कीमत एक साल पहले की समान अवधि में 59.2 रुपये थी, जो पिछले महीने घटकर 54.9 रुपये रह गई, लेकिन फरवरी के 54 रुपये प्रति थाली की तुलना में इसकी कीमत अब भी अधिक है।
ब्रायलर के दाम में 5 फीसद इजाफा : दरअसल ब्रॉयलर मुर्गे की कीमतों में 16 फीसद की गिरावट आने से सालाना आधार पर मांसाहारी थाली की लागत घटी है।
मांसाहारी थाली में ब्रॉयलर का भारांक 50 फीसद होता है। हालांकि, फरवरी की तुलना में मार्च में रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत होने और अधिक मांग आने से ब्रॉयलर की कीमतें पांच फीसद बढ़ी हैं।
कैसे तय की गई थालियों की कीमत : घर में पकाई गई थाली की औसत लागत का कैलकुलेशन उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में इनपुट कीमतों के आधार पर की जाती है। क्रिसिल की रोटी चावल रेट रिपोर्ट के मुताबिक, प्याज, टमाटर और आलू की कीमतें सालाना आधार पर बढ़ने की वजह से शाकाहारी थाली महंगी हो गई।
बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष-2023 में बाजारों में प्याज और आलू की कम सप्लाई के कारण टमाटर की कीमतों पर असर देखने को मिला था।