प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
कालाष्टमी व्रत भगवान भैरवनाथ को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कालाष्टमी को भैरवाष्टमी के नाम से जाना जाता है।
2 अप्रैल को, चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन कलाष्टमी मनाई जाएगी।
आज कालाष्टमी के दिन भगवान शिव की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
इसलिए आइए जानते हैं कलाष्टमी शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पूजन सामग्री की लिस्ट-
कालाष्टमी शुभ मुहूर्त-
फाल्गुन, कृष्ण अष्टमी प्रारम्भ – 09:09 पी एम, अप्रैल 01
फाल्गुन, कृष्ण अष्टमी समाप्त – 08:08 पी एम, अप्रैल 02
कालाष्टमी पूजा-विधि
- सुबह जल्दी उठें और स्नान कर लें
- स्नान के बाद साफ-सफेद पहन लें
- शिव भगवान का अभिषेक करें
- घर के मंदिर में दीपक जलाएं
- फिर शिव परिवार की विधिवत पूजा करें
- आखिर में भगवान शिव की आरती करें
- भोग लगाएं
- ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें
- अंत में क्षमा प्राथर्ना करें
कालाष्टमी पूजा-सामग्री
फल
फूल
धतूरा
अक्षत
धूपबत्ती
गंगाजल
बिल्वपत्र
काला तिल
सफेद फूल
सफेद चंदन
घी का दीपक
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।