लड़ूंगा तो सिर्फ कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर, सतारा में शरद पवार के सपनों पर पूर्व CM ने लगाया ग्रहण…

महाराष्ट्र के महा विकास अघाड़ी गठबंधन में सीट बंटवारे के मुताबिक सतारा लोकसभा सीट शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के खाते में गई है।

फिलहाल वहां से श्रीनिवास पाटिल सांसद हैं। 83 वर्षीय पाटिल ने स्वास्थ्य कारणों से अगला चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है।

इसके बाद एनसीपी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण को इस सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की है।

चव्हाण ने 1990 के दशक में संसद में सतारा का प्रतिनिधित्व किया था, लेकिन 1999 में शरद पवार के कांग्रेस से बाहर निकलने और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बनाने के बाद वह श्रीनिवास पाटिल से चुनाव हार गए थे।

इस बीच, चव्हाण ने सतारा से चुनाव लड़ने का ऑफर तो स्वीकार कर लिया है लेकिन एनसीपी की इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया है कि वो शरद पवार की पार्टी के चुनाव चिह्न (तुरहा) पर ये चुनाव लड़ें। चव्हाण ने कहा कि अगर चुनाव लड़ूंगा तो सिर्फ कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ूंगा। चव्हाण के इस फैसले से शरद पवार को झटका लगा है।

इससे पहले रविवार को एनसीपी (शरद पवार) के राज्य प्रमुख जयंत पाटिल ने चव्हाण के आवास पर उनके साथ बैठक की थी। बैठक के बाद कांग्रेस और एनसीपी (शपा) दोनों के सूत्रों ने पुष्टि की थी कि चव्हाण को सतारा सीट की पेशकश की गई है।

एक कांग्रेस नेता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ”चव्हाण ने इस प्रस्ताव के लिए एनसीपी को धन्यवाद दिया है, लेकिन स्पष्ट किया कि वह केवल कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, बशर्ते उन्हें कांग्रेस से ही टिकट मिले।” 

फिलहाल पृथ्वीराज चव्हाण ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है कि क्या उन्हें सीट की पेशकश की गई थी। उन्होंने कहा, “मैं एक कांग्रेस कार्यकर्ता हूं। मैं अपनी पार्टी का आदेश सुनता हूं। अगर पार्टी मुझे कुछ भी करने का आदेश देगी तो मैं उसका पालन जरूर करूंगा।”

उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि महाराष्ट्र की हर सीट महत्वपूर्ण है और सतारा सीट शरद पवार के पास है। शरद पवार जिस भी उम्मीदवार को नामांकित करेंगे, हम उसे स्वीकार करेंगे।”

चव्हाण ने कहा, हम एमवीए उम्मीदवार की जीत के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ सतारा सीट की नहीं बल्कि सभी 48 लोकसभा सीटों की चिंता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एनसीपी के पास पाटिल की जगह सतारा से चुनाव लड़ाने के लिए चार नामों के विकल्प थे। इनमें  एमएलसी शशिकांत शिंदे, विधायक बालासाहेब पाटिल, पूर्व मंत्री विक्रमसिंह पाटणकर के बेटे सत्यजीत पाटणकर और श्रीनिवास पाटिल के बेटे सारंग पाटणकर शामिल हैं लेकिन इनमें से कोई भी नाम और चेहरा पूरे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए दमदार नहीं  था। ये चेहरे कुछ विशेष विधानसभा सीटों पर ही प्रभुत्व रखते थे। 

एनसीपी में शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के विद्रोह और विभाजन के बाद अब सतारा में एनसीपी की ताकत भी विभाजित हो गई है। इसलिए, शरद पवार की पसंद के रूप में चव्हाण सामने आए थे। सत्ता पक्ष की बात करें तो अजित पवार की एनसीपी की जगह बीजेपी के राज्यसभा सांसद उदयनराजे भोसले सतारा से उम्मीदवार हो सकते हैं।

हालांकि, अभी कोई घोषणा नहीं की गई है। दूसरी तरफ, टव्हाण के इनकार के बाद पवार कौन से पत्ता फेंकते हैं, देखना दिलचस्प होगा।

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