दुनिया के सबसे अमीर शख्सियतों में शुमार एलन मस्क काफी समय से जनसंख्या वृद्धि में गिरावट का मुद्दा उठाते रहे हैं।
मस्क का मानना है कि कम जन्म दर के कारण जनसंख्या का पतन सभ्यता के लिए ग्लोबल वार्मिंग से कहीं अधिक बड़ा खतरा है।
अब उन्होंने एक यूरोपीय देश का आंकड़ा शेयर किया है जिसमें बताया गया है कि वहां की जनसंख्या में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
हम बात कर रहे हैं इटली की। इटली में जन्म दर में पिछले साल फिर से गिरावट आई है। हालांकि इमिग्रेशन (आप्रवासन) के कारण कुल जनसंख्या लगभग स्थिर रही है। राष्ट्रीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसटीएटी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
इटली में 01 जनवरी, 2024 तक लगभग 5.89 करोड़ लोग थे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7,000 लोगों की शुद्ध गिरावट है। यह 2014 के बाद से हो रही जनसांख्यिकीय गिरावट को दिखाता है।
आंकड़ों से पता चला है कि इटली में पिछले साल 379,000 बच्चे पैदा हुए थे, और जन्म दर 2022 में 6.7 प्रति हजार तुलना में प्रति 1,000 लोगों पर 6.4 बच्चों के बराबर थी।
यही आंकड़ा शेयर करते हुए एक्स के बॉस एलन मस्क ने लिखा, “2023 में इटली में केवल 379,000 जन्म हुए, जो 1861 में देश के एकीकरण के बाद से सबसे कम वार्षिक आंकड़ा है।”
पिछले आंकड़ों पर गौर करें तो 2022 की तुलना में 14,000 कम बच्चे पैदा हुए। यानी कुल 4.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। वहीं 2008 की तुलना में लगभग 197,000 कम बच्चे पैदा हुए हैं।
वर्ष 2008 में पहली बार यहां जन्म दर में गिरावट की प्रवृत्ति शुरू हुई थी। इसके कारण इटली में महिलाओं से जन्म लेने वाले बच्चों की औसत संख्या 2022 में 1.24 से घटकर 2023 में 1.2 रह गई।
यह स्थिति पूरे इटली में समान रूप से देखी गई है। हालांकि विदेशी लोगों के इटली में बसने से वहां की कुल जनसंख्या लगभग स्थिर रही। इटली में विदेशी मूल के लोग पूरी आबादी का लगभग नौ प्रतिशत है, और इससे जनसांख्यिकीय गिरावट को सीमित करने में मदद मिली।
संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग द्वारा प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट में हर देश में 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों की हिस्सेदारी का विश्लेषण किया गया है।
इससे पता चलता है कि जापान (29.8 प्रतिशत) के बाद 23.7 प्रतिशत बुजुर्गों के साथ इटली दूसरे स्थान पर है, लेकिन फिनलैंड (22.9 प्रतिशत), पुर्तगाल (22.6 प्रतिशत), और यूनान (22.5 प्रतिशत) से अधिक है।