रूस-अमेरिका कट्टर दुश्मन, फिर भी व्हाइट हाउस ने निभाई दोस्ती; कैसे मात खा गए पुतिन?…

रूस की राजधानी मॉस्को के एक कन्सर्ट हॉल में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने अंधाधुंध गोलीबारी और बमबारी की है, जिसमें 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि 145 लोग घायल हैं।

रूस के कट्टर दुश्मन अमेरिका ने कहा है कि उसने इस बारे में पहले ही रूस को आगाह कर दिया था कि आतंकी संगठन रूस में बड़ी सभाओं को निशाना बना सकते हैं।

मास्को के क्रोकस सिटी हॉल में हुई गोलाबारी की घटना के बाद व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने मार्च की शुरुआत में ही रूसी अधिकारियों को मॉस्को में “बड़ी सभाओं” को लक्षित करने वाले आतंकवादी हमले के बारे में चेतावनी दी थी।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा, “इस महीने की शुरुआत में, अमेरिकी सरकार को मॉस्को में एक योजनाबद्ध आतंकवादी हमले के बारे में जानकारी मिली थी – जिसमें बड़े समारोहों को निशाना बनाने की आशंका थी। इनमें म्यूजिक कन्सर्ट भी शामिल थे।”

वॉटसन ने कहा, “वाशिंगटन ने रूसी अधिकारियों के साथ यह जानकारी साझा की थी।” बता दें कि रूस और अमेरिका के रिश्ते सामान्य नहीं रहे हैं। 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से दोनों देशों के रिश्ते बेहद खराब हो चुके हैं। बावजूद, व्हाइट हाउस ने खुफिया जानकारी रूस से साझा की थी ताकि बड़े पैमाने पर मौतों को टाला जा सके।

इस बात की जानकारी नहीं मिल सकी है कि रूस ने अमेरिका से प्राप्त इस जानकारी पर क्या ऐक्शन लिया लेकिन अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट सच साबित हुई है।

इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने शुक्रवार की शाम मास्के को बाहरी क्षेत्र में स्थित एक सभास्थल पर आयोजित संगीत समारोह में घुसकर ना सिर्फ अंधाधुंध फायरिंग की बल्कि वहां बम धमाके भी किए। इस घटना में अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है।

AFP के मुताबिक, क्रॉस सिटी हॉल में कन्सर्ट शुरू होने से पहले ही आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी। इस दौरान कई लोगों ने कुर्सियों के नीचे छिपकर जान बचाई तो कुछ भागकर बचने में कामयाब रहे।

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रूसी सुरक्षा एजेंसी ने 2 से पांच आतंकियों के इस घटना में शामिल होने का दावा किया है। इस बीच दो हमलावरों के स्केच जारी किए गए हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावर विदेशी भाषा में बातचीत कर रहे थे और सैन्य वर्दी पहने हुए थे।

उनके मुताबिक, आतंकियों के सामने जो कोई भी आया, उसे उन लोगों ने भून दिया। जिस  समय हमला हुआ, उस समय सोवियत काल के प्रसिद्ध म्यूजिक बैंड ‘पिकनिक’ का प्रोग्राम शुरू होने वाला था। हॉल में करीब 6000 लोग मौजूद थे।

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