प्रवीण नंगिया (ज्योतिष सलाहकार):
इस वर्ष होलिका दहन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग,गण्ड योग और बुधादित्य के संयोग सहित चार शुभ योग बन रहे हैं।
इस दिन पूरे दिन वृद्धि योग, बुधादित्य योग, वाशी योग और सुनफा योग बनने के कारण दिन अतिशुभ रहेगा।
यह जानकारी देते हुए हिमगिरि निवासी ज्योतिषाचार्य केदार नाथ मिश्रा ने बताया इस शुभ योगों में होलिका दहनऔर होली होने से देश में सुख, समृद्धि, और उन्नति होने की सम्भावना रहेगी।
इस वर्ष होलिका दहन कल यानी रविवार को होगा। इस दिन होली भद्रा का साया रहेगा। भद्राकाल को शुभ नहीं माना जाता। इसमें किसी भी प्रकार की पूजा करना वर्जित रहता है।
सौ साल बाद चंद्र ग्रहण का भी साया रहेगा। मगर भारत में नजर न आने के कारण सूतक का असर भी नहीं रहेगा। कल 24 मार्च की सुबह 9 बजकर 54 मिनट पर भद्रा आरंभ हो जाएगी।
यह रात 11 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। इस तरह भद्रा काल के समापन पर ही होलिका दहन हो सकता है।
उन्होंने बताया फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का आरंभ 24 मार्च की सुबह 9 बजकर 55 मिनट से होगा और 25 मार्च की दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगी।
होलिका दहन पूर्णिमा तिथि में और भद्रा रहित काल में ही करना शुभ माना जाता है। इसीलिए होलिका का दहन 24 मार्च की रात 11 बजकर 13 मिनट के बाद करना शुभ रहेगा।
रंग 25 मार्च को खेला जाएगा। उन्होंने कहा होलिका दहन बुनाई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। होलिका दहन पर चंद्र ग्रहण रहने का भ्रम भी फैलाया जा रहा है, जबकि होली पर कोई चंद्र ग्रहण नहीं है।
जो उप छाया चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, वह भारत में नजर नहीं आएगा। यह योग सौ साल बाद बन रहा है। भारत में नजर न आने के कारण होली पर ग्रहण दोष के भय से हटकर रंगोत्व का आनंद लें।