प्रवीण नंगिया (ज्योतिष सलाहकार):
शनि देव को न्यायाधीश यानि जज के समान माना जाता है। शनि ग्रह बेहद धीमी चाल में गोचर करता है, जो शुभ होने पर व्यक्ति को मालामाल बना सकता है।
वहीं, शनि की बुरी नजर जीवन में टेंशन का कारण भी बन सकती है। शनि करीब ढाई साल तक एक ही राशि में विराजमान रहते हैं।
शनि वर्तमान में कुंभ राशि में बैठे हैं, जो अगले साल मीन राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के मीन राशि में प्रवेश करते ही मेष राशि पर शनि की साढ़े साती शुरू को जाएगी। आइए जानते हैं शनि देव की नजर 2025 में किन राशियों पर रहेगी-
2025 में शनि की साढ़ेसाती
2025 के मार्च के महीने में मीन राशि में शनि देव प्रवेश करेंगे। मीन राशि में प्रवेश करते ही मेष राशि पर शनि की साढ़े साती शुरू को जाएगी।
वहीं, मकर राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी। साल 2025 में मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा, मीन राशि वालों पर दूसरा और कुंभ राशि वालों पर आखिरी चरण रहेगा।
शनि ने 17 जनवरी 2023 के दिन कुंभ राशि में प्रवेश किया था। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव 3 जून 2027 तक रहने वाला है।
मीन राशि में शनि 2028 तक विराजमान रहेंगे। मेष राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव 31 मई 2032 तक रहेगा।
शनि की साढ़े साती से कैसे बचें?
शनि के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए आपको शनिवार के दिन पीपल के पेड़ और शमी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। संध्या के समय सरसों के तेल में काला तिल मिलाकर पेड़ के समक्ष दीपक जलाएं।
शनिवार को पीपल के पेड़ और शमी के पेड़ में जल चढ़ाएं। रोजाना हनुमान चालीसा, शनि चालीसा और शिव चालीसा का पाठ करने से भी शनि देव को खुश किया जा सकता है। शनि देव का मंत्र ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।