प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
इस बार होलिका दहन 24 मार्च रविवार को होगा। रंगोत्सव 25 मार्च को मनाया जाएगा।
होलिका दहन के दिन इस बार रात 10:28 बजे तक भद्रा का योग रहेगा। भद्रा में होलिका दहन नहीं करना चाहिए, इसलिए भद्रा समाप्ति के बाद होलिका दहन रात 10:28 के बाद किया जाएगा।
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक डॉ. पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार पूर्णिमा तिथि रविवार को सुबह 9:23 बजे शुरू हो जाएगी।
होलिका दहन के एक सप्ताह पूर्व 17 मार्च से होलाष्टक शुरू हो जाएगा। इसी के साथ होलिका को बढ़ाने और सजाने का कार्य शुरू होगा। पर्व को लेकर बाजार में भी रौनक छाने लगी है।
होली 2024: तारीख और समय
होली 2024 तिथि: सोमवार, 25 मार्च 2024
होलिका दहन 2024 तिथि: रविवार, 24 मार्च 2024
होलिका दहन 2024 मुहूर्त: 24 मार्च को शाम 7:19 बजे से रात 9:38 बजे तक
होली 2024 पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 24 मार्च को सुबह 12:24 बजे
होली 2024 पूर्णिमा तिथि समाप्त: 25 मार्च को दोपहर 02:59 बजे
होलिका दहन 2024: पूजा विधि
होलिका दहन के लिए रंगभरी एकादशी के दिन स्थान निर्धारित कर लकड़ियां रख दी जाती हैं। इस दिन से लोग घरों में गुलरियां बनाते हैं। होलिका दहन की पूजा में गोबर की गुलरियां, फूलमाला, कलावा, तिलक, गुजिया अर्पित की जाती है। उस स्थान पर जल अर्पित कर तिलक लगाया जाता है और फिर सभी पूजा की चीजें अर्पित करके कलावा बांधकर सात बार परिक्रमा की जाती है। इसके बाद शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जाता है।
होली 2024: इतिहास और महत्व
मान्यताओं के अनुसार होलिका राजा हिरण्यकश्यप की राक्षसी बहन थी। हिरण्यकश्यप का बेटा प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था, जो हिरण्यकश्यप को बिल्कुल पसंद नहीं था, इसलिए उसने उसे मारने के लिए होलिका की गोद में बिठा दिया, लेकिन भगवान की कृपा से होलिका जिसे आग में न जलने का वरदान था, वो आग में जल गई और प्रह्लाद बच गया।
यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।होली वसंत के आगमन का प्रतीक है, जो सर्दियों की नीरसता पर रंगों की विजय का प्रतीक है।