विशेष लेख : कृषक उन्नति योजना : खेती-किसानी से खुलेंगे समृद्धि के द्वार…

  • धनंजय राठौर, संयुक्त संचालक
  • जी.एस. केशरवानी, उप संचालक   

छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार का असर अब दिखने लगा है। राज्य के किसानों के बैंक खातों में इस महीने की 12 तारीख को धन वर्षा होने जा रही है। कृषक उन्नति योजना में लगभग  24.72 लाख किसानों के बैंक खातों में सीधे राशि पहुंचेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्य के किसानों को दी गई गारंटी के अनुरूप मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कृषक उन्नति योजना में समर्थन मूल्य और राज्य सरकार द्वारा घोषित किए गए उपार्जन मूल्य की अंतर की राशि किसानों को देने का निर्णय लिया है।  

कृषक उन्नति योजना में राज्य के किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में प्रति क्विंटल 917 रूपए के मान से अंतर की राशि दी जाएगी। अंतर की राशि भुगतान के बाद किसानों को धान की प्रति क्विंटल 3100 रूपए की कीमत मिलेगी। किसानों को धान के प्रति क्विंटल के मान से भुगतान की जा रही यह राशि देश में सर्वाधिक है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस साल के बजट में 10 हजार करोड़ और पिछले साल के अनुपूरक बजट में 3 हजार करोड़ इस प्रकार कुल 13 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।

छत्तीसगढ़ की अर्थ व्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए राज्य के बजट में भी कृषि के साथ-साथ ग्रामीण विकास को फोकस किया गया है। यहां धान और किसान एक-दूसरे के पर्याय हैं। राज्य में लगभग 32 लाख हेक्टेयर में धान की बोनी होती है और 24 लाख से अधिक किसान समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय किया है। इस वर्ष 144.92 लाख मीट्रिक टन की समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी किसानों से की गई है। किसानों से समर्थन मूल्य पर की गई धान खरीदी के एवज में 31,913 करोड़ की राशि भुगतान की गई है।

छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की कीमत प्रति क्विंटल 3100 रूपए की राशि मिलने से राज्य की अर्थव्यवस्था भी गतिमान होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि के द्वार खुलेंगे। खेती-किसानी को मजबूती मिलेगी। किसान खेती के आधुनिक तौर तरीको की ओर अग्रसर होंगे। राज्य में व्यापार और वाणिज्य में तेजी आएगी। राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी, जिसका लाभ यहां के लोगों को मिलेगा। किसानों के साथ-साथ आम लोगों के जनजीवन में तेजी से बदलाव आएगा।

छत्तीसगढ़ सरकार ने किसान हितैषी निर्णय लेते हुए समर्थन मूल्य में धान खरीदी के लिए प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी की है। साथ ही किसानों को दो साल का बकाया बोनस राशि के रूप में 3716 करोड़ की राशि सीधे उनके बैंक खाते में दी है। इसके अलावा कृषि मजदूरों को भी राहत देने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना में भूमिहीन कृषि मजदूर को साल में 10 हजार रूपए की राशि दी जाएगी।

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के 23 लाख से ज्यादा किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का भी लाभ मिल रहा है। इस योजना में किसानों को तीन किश्तों में साल में 6 हजार रूपए की राशि केन्द्र सरकार के द्वारा सीधे किसानों के बैंक खातों में दी जा रही है। केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में धान के विपुल उत्पादन को देखते हुए केन्द्रीय पूल में 74 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने का लक्ष्य दिया है।  

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