पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की हत्या मामले में दोषी एस नलिनी एक मामले को लेकर मद्रास हाई कोर्ट पहुंच गई हैं।
उन्होंने मांग की है कि उनके पति मुरुगन को पासपोर्ट के लिए इंटरव्यू में हाजिर होने की अनुमति दी जाए ताकि वह यूके में रह रही अपने बेटी के पास जा सकें।
उन्होंने पति के लिए मांग की है कि उन्हें श्रीलंकाई उप उच्चायोग के सामने पेश होने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि उनके पति मुरुगन श्रीलंकाई नागरिक हैं इसलिए उन्हें त्रिरुचिरापल्ली के एक शिविर में रखा गया है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सभी सात लोगों को रिहा कर दिया है। बता दें कि नलिनी और मुरुगन दोनों को ही 12 नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रिहा कर दिया गया था।
नलिनी ने बताया कि वे दोनों अपनी बेटी के साथ रहना चाहते हैं। इसके लिए नलिनी और पति मुरुगन दोनों ने ही पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था।
नलिनी का इंटरव्यू 30 जनवरी को हो गया है। वहीं मुरुगन को श्रीलंकाई दूतावास द्वारा बुलाया गया लेकिन वह साक्षात्कार में शामिल नहीं हो सके।
उन्होंने याचिका में कहा कि जिस शिविर में मुरुगन को रखा गया है वहां की हालत इतनी खराब है कि बीते एक महीने में ही दो लोगों की मौत हो गई। इसलिए वह अपने पति के साथ विदेश जाना चाहती हैं।
नलिनी ने राज्य और केंद्र सरकार से भी गुजारिश की है कि उनके पति मुरुगन को चेन्नई स्थित उप उच्चायोग में जाने की अनुमति दी जाए।
इसके अलावा पुलिस उनको जरूरी सुरक्षा भी मुहैया करवाए।इस याचिका पर मद्रास हाई कोर्ट के जज जस्टिस एमएस रमेश और सुंदर मोहन की बेंच सुनवाई कर रही थी। हालांकि बाद में जस्टिस सुंदर मोहन ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया।
बता दें कि नलिनी श्रीहरन उन 7 दोषियों में से एक हैं जिन्हें राजीव गांधी की हत्या मामले में सजा सुनाई गई थी लेकिन 2022 में सुप्रीम कोर्ट केआदेश के बाद रिहा कर दिया गया।
उन्होंने कहा, जिस तरह से तमिलनाडु के लोगों ने 32 साल से मेरा साथ दिया, उसके लिए आभारी हूं। नलिनी देश की सबसे ज्यादा समय तक उम्रकैद की सजा काटने वाली महिला हैं। उन्हें वेल्लोर जेल से रिहा किया गया था।