ओडिशा हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी शख्स के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का आपराधिक मामला चल रहा हो तो उसकी पत्नी के नाम पर संपत्ति होने के बावजूद महिला को आरोपी नहीं बनाया जा सकता है।
बुधवार को दिए अपने फैसले में हाई कोर्ट ने यह व्यवस्था दी है। कोर्ट एक गृहिणी की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें महिला ने कहा था कि उसके पति द्वारा किए गए कथित अपराध में उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस सिबो शंकर मिश्रा की सिंगल बेंच ने अपने फैसले में लिखा, “आमतौर पर, यह स्वाभाविक प्रक्रिया है कि एक बेरोजगार पत्नी हमेशा अपने नौकरीशुदा पति की इच्छा पर निर्भर रहती है। इस मामले में भी मुख्य आरोपी (पति) याचिकाकर्ता (पत्नी) की इच्छा पर हावी होने की स्थिति में है। ऐसी स्थिति में, याचिकाकर्ता के पास चल या अचल संपत्ति की खरीद में भाग नहीं लेने या अपने पति की इच्छा को खारिज करने की कोई गुंजाइश नहीं दिखती है।”
हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में किसी महिला को सिर्फ आरोपी की पत्नी होने और आरोपी द्वारा उसके नाम पर संपत्ति खरीदने के कारण मामले में नहीं घसीटा जा सकता है।
जांच अधिकारियों ने महिला पर पति को भ्रष्टाचार में शामिल होने और उसे उकसाने का आरोप लगाया था।
जस्टिस मिश्रा ने कहा,”अचल संपत्तियों को मुख्य आरोपी द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में शामिल किया जा चुका है और याचिकाकर्ता यह दावा भी नहीं कर रही है कि उसने स्वतंत्र रूप से अपने नाम पर कथित संपत्ति अर्जित की है। इसलिए, मुख्य आरोपी पर उस आय के स्रोत को साबित करने की जिम्मेदारी बनती है, जिसने अपनी पत्नी के नाम पर संपत्ति अर्जित की है।”
कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष के पास महिला के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, इसलिए उसके खिलाफ उकसाने का आरोप लगाया गया है।
जस्टिस मिश्रा ने अपने आदेश में कहा कि अगर महिला के खिलाफ लगाए गए आरोपों को हम स्वीकार करते हैं तो इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं और हर ऐसे आरोपी जिसने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है, उसके घर का हरेक सदस्य आरोपी बन जाएगा। इसलिए महिला के खिलाफ दर्ज केस को रद्द किया जाता है।
दरअसल, महिला के पति के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत आपराधिक मुकदमा चल रहा है।
आरोपी पति ने अपनी पत्नी के नाम पर भी कुछ संपत्तियां खरीदी हैं। इसलिए जांच एजेंसी ने महिला को भी आरोपी बनाया है। इसके खिलाफ महिला ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। महिला ने अपने पति द्वारा किए गए अपराध के लिए कथित तौर पर उकसाने के लिए उसके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को चुनौती दी थी।