हम इसे PM भी नहीं मानते, पाक संसद में इमरान खान के सहयोगी ने कर डाली शहबाज शरीफ की बेइज्जती…

शहबाज शरीफ दूसरी बार पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम की कुर्सी पर विराजमान हो चुके हैं।

पाकिस्तान में उनके विरोधी बताते हैं कि शहबाज तो सिर्फ एक चेहरा हैं, पर्दे के पीछे से तो उनके बड़े भाई नवाज शरीफ ही सरकार चला रहे हैं।

शहबाज शरीफ के पीएम बनने के बाद पाकिस्तान असेंबली में कार्यवाही के दौरान ऐसी घटना घटी जिसने एक बार पाकिस्तान की थू-थू कर दी है। इमरान खान की पार्टी पीटीआई के अध्यक्ष गौहर खान ने संसद में पहले बिलावल भुट्टो और फिर शहबाज शरीफ की जमकर बेइज्जती की।

गौहर खान ने कहा कि बिलावल तो अपने नाना को दफन करके आगे बढ़ गया है। शहबाज के बारे में बोलते हुए गौहर खान ने कहा कि इसे तो हम पीएम भी नहीं मानते, इससे अच्छा तो युसूफ रजा गिलानी था जो अपना वादा तो निभाता था।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष गौहर खान ने सोमवार पाकिस्तान असेंबली में शहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का सरकार के खिलाफ विरोध “विनाशकारी के बजाय रचनात्मक” होगा और वह सरकार को उसके बुरे कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराती है।

नेशनल असेंबली में बोलते हुए, गोहर ने प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ के पीएम चुने जाने को “लोकतंत्र के लिए सबसे दुखद दिन” करार दिया।

परमाणु बम का बटन उसे दे दिया जिसके खिलाफ था जनादेश
पाक मीडिया द्वारा प्रसारित वीडियो में गौहर खान ने कहा, “हममें से किसी ने भी कल्पना नहीं की थी कि ऐसा व्यक्ति चुना जाएगा, पाकिस्तान की परमाणु शक्ति का बटन किसी ऐसे व्यक्ति को सौंप दिया जाएगा जिसके पास सार्वजनिक जनादेश नहीं है और जो चार दशकों से सत्ता में है, जो उनके व्यक्तिगत लाभ का इकलौता जीवित दस्तावेज है।”

बिलावल ने अपने नाना को दफन कर दिया
गौहर खान ने पहले बिलावल भुट्टो पर निशाना साधा। कहा कि एक बिलावल है, जो अपने नाना को दफन करके आगे बढ़ गया है।

इसे अपने स्विस बैंकों के अकाउंट के बारे में जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए। गौहर के इतना कहते ही संसद में हंगामा शुरू हो गया। जिसके बाद डिप्टी स्पीकर को हस्तक्षेप करना पड़ा। इसके बाद गौहर ने पीएम शहबाज को निशाने पर लिया। 

इसे तो हम पीएम भी नहीं मानते
गौहर खान ने शहबाज के बारे में कहा- इसके बारे में क्या कहें, इसे तो हम पीएम भी नहीं मानते। अगर इस आदमी में जमूरियत होती तो ये जेल में बंद हमारी महिलाओं को आजाद कराता। इससे अच्छा तो युसूफ रजा गिलानी था, जिसने कम से कम अपना वादा तो निभाया। 

गौहर खान के बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपने संबोधन में पीएम शहबाज के सुलह चार्टर का समर्थन किया, जिसके बारे में पीएमएल-एन का मानना ​​है कि सभी राजनीतिक हितधारकों के बीच सुलह के जरिए नफरत और टकराव की राजनीति खत्म हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि विपक्ष को इस प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देनी चाहिए और आर्थिक कठिनाइयों का समाधान खोजने के लिए सरकार के साथ बैठना चाहिए।

बिलावल ने कहा, “हम न केवल इसका समर्थन करते हैं बल्कि विपक्ष के अपने मित्रों से भी अपील करते हैं कि वे इस प्रक्रिया में भाग लें।”

9 मई की घटना पर इमरान के दल को कोसा
बिलावल ने  9 मई के दंगों की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन के पीटीआई के आह्वान का भी इस शर्त पर समर्थन किया कि पीटीआई आयोग के फैसले को स्वीकार करेगी।

उन्होंने कहा, “यह संभव नहीं है कि कोई हमारे संस्थानों, शहीद स्मारकों पर हमला करे और हम इसे भूल जाएं।” पीपीपी अध्यक्ष ने कहा, “जब तक हम इस मुद्दे को संबोधित नहीं करते तब तक हम अपनी राजनीति को आगे नहीं बढ़ा सकते और यही कारण है कि पीपीपी पीएम से न्यायिक आयोग बनाने की अपील करती है।”

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