प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी कहते हैं। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है।
एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होने के साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस साल विजया एकादशी 6 और 7 फरवरी दो दिन रहेगी। इस बार विजया एकादशी 6 और 7 मार्च दो दिन रहेगी। एकादशी तिथि प्रारंभ 6 मार्च को सुबह 6 बजकर 30 मिनट से होगा जो कि 7 मार्च को सुबह 04 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी।
गृहस्थजन 6 मार्च को और संतजन 7 मार्च को जया एकादशी का व्रत रखेंगे। कभी कभी एकादशी व्रत लगातार दो दिनों के लिए हो जाता है।
जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब स्मार्त-परिवारजनों को पहले दिन एकादशी व्रत करना चाहिए। दूसरे दिन वाली एकादशी को दूजी एकादशी कहते हैं।
संतों और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक श्रद्धालुओं को दूजी एकादशी के दिन व्रत करना चाहिए। जब-जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब-तब दूजी एकादशी और वैष्णव एकादशी एक ही दिन होती हैं।
एकादशी तिथि प्रारम्भ – मार्च 06, 2024 को 06:30 ए एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त – मार्च 07, 2024 को 04:13 ए एम बजे
7 मार्च को एकादशी व्रत पारण करने का समय- 01:49 पी एम से 04:11 पी एम
7 मार्च को हरि वासर समाप्त होने का समय – 09:30 ए एम
8 मार्च को एकादशी व्रत पारण करने का समय- 06:42 ए एम से 09:04 ए एम
8 मार्च को द्वादशी सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी।
पूजा- विधि-
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
- भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
- अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
- भगवान की आरती करें।
- भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
- इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
- इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
एकादशी व्रत पूजा सामग्री लिस्ट
- श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति
- पुष्प
- नारियल
- सुपारी
- फल
- लौंग
- धूप
- दीप
- घी
- पंचामृत
- अक्षत
- तुलसी दल
- चंदन
- मिष्ठान
एकादशी व्रत में क्या करें-
-एकादशी व्रत के दिन दान अवश्य करें।
-एकादशी व्रत के दिन अगर संभव हो तो गंगा स्नान करें। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
-जल्दी विवाह करवाना चाहते हैं तो एकादशी के दिन केसर, केला या हल्दी का दान करें।
-एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के मन की सभी इच्छाएं पूरी होने के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी प्रसन्न होते हैं।
-एकादशी का व्रत रखने से धन, मान-सम्मान, अच्छी सेहत और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
एकादशी के दिन चावल का सेवन भी होता है वर्जित
- एकादशी के पावन दिन चावल का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इस दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन चावल का सेवन करना अशुभ माना जाता है।
एकादशी पर भूलकर न करें ये काम-
1. एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी जुआ नहीं खेलना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से व्यक्ति के वंश का नाश होता है।
2. एकादशी व्रत में रात को सोना नहीं चाहिए। व्रती को पूरी रात भगवान विष्णु की भाक्ति,मंत्र जप और जागरण करना चाहिए।
3. एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी चोरी नहीं करनी चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन चोरी करने से 7 पीढ़ियों को उसका पापा लगता है।
4. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए व्रत के दौरान खान-पान और अपने व्यवहार में संयम के साथ सात्विकता भी बरतनी चाहिए।
5. इस दिन व्रती को भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए किसी भी व्यक्ति से बात करने के लिए कठोर शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस दिन क्रोध और झूठ बोलने से बचना चाहिए।
6. एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और शाम के समय सोना नहीं चाहिए।