लोकसभा चुनाव से पहले तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (BRS) को झटके पर झटका लग रहा है। पिछले दो दिनों के अंदर बीआरएस के दो सांसदों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है।
जहीराबाद संसदीय सीट से BRS के मौजूदा सांसद भीमराव बसवंतराव पाटिल ने जहां शुक्रवार (1 मार्च) को बीजेपी का दामन थाम लिया।
वहीं, एक दिन पहले नगरकुर्नूल से सांसद पोथुगंती रामुलु भी बीजेपी में शामिल हो गए। नई दिल्ली में बीजेपी कार्यालय में रामुलु को उनके बेटे भरत और तीन अन्य बीआरएस नेताओं के साथ केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पार्टी में शामिल कराया था।
सूत्रों के मुताबिक, दो और सांसद केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी में शामिल होने के लिए पार्टी नेताओं से बातचीत कर रहे हैं, जबकि दो अन्य सांसद राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस में शामिल होने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं।
पिछले महीने पेडापल्ली से सांसद बोरलाकुंटा वेंकटेश नेता और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट बोर्ड के पूर्व सदस्य मन्ने जीवन रेड्डी ने भी भारत राष्ट्र समिति से इस्तीफा दे दिया था और नई दिल्ली में कांग्रेस का हाथ थाम लिया था।
2019 के लोकसभा चुनावों में बीआरएस को तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों में से 9 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि चार पर बीजेपी, तीन पर कांग्रेस और एक सीट पर AIMIM को जीत मिली थी।
बीआरएस के 9 में से तीन सांसद अब तक पार्टी छोड़ चुके हैं, जबकि दो की बातचीत अंतिम दौर में है। दरअसल, पिछले साल दिसंबर में हुए तेलंगाना विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद से बीआरएस में भगदड़ मची हुई है।
विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार से जहां केसीआर अभी तक उबर नहीं पाए हैं, वहीं बीआरएस के सांसद या तो दो राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी की तरफ जा रहे हैं या फिर लोकसभा चुनाव लड़ने से बच रहे हैं।
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, केसीआर अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
रिपोर्ट में बीआरएस नेता के हवाले से कहा गया है कि केसीआर पूर्व मंत्रियों और मौजूदा विधायकों को भी लोकसभा चुनाव में उतारने की योजना बना रहे हैं।