पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख को जैसे ही पुलिस ने लंबे इंतजार के बाद गिरफ्तार किया, वैसे ही उसके वकील ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
आज सुबह जब शेख के वकील चीफ जस्टिस टीएस टीएस शिवगणम की अदालत में अपने मुवक्किल की अग्रीम जमानत की याचिका पर राहत की मांग करने पहुंचे तो उन्हें देखते हुए चीफ जस्टिस ने कहा, “आइए, हम आपका ही इंतजार कर रहे थे। अद्भुत।”
इस पर शाहजहाँ शेख के वकील ने अपने मुवक्किल की याचिका का उल्लेख किया और कहा, “मी लॉर्ड.. मेरे मुवक्किल के खिलाफ कुछ टिप्पणियाँ की गई थीं। मी लॉर्ड्स, मेरी अग्रिम जमानत आपकी अदालत में लंबित है।”
इस पर चीफ जस्टिस शिवगणन ने कहा, “मिस्टर काउंसिल, इस आदमी के खिलाफ 43 मामले हैं। ध्यान रहे, अब अगले 10 साल तक यह आदमी आपको व्यस्त रखेगा। आपको कम से कम अगले 10 साल तक उसके सभी मामले संभालने होंगे।” इस पर वकील ने कहा, “मिलॉर्ड्स, मेरी अग्रिम जमानत खारिज कर दी गई। मुझे कल रात गिरफ्तार कर लिया गया है। अब मैं हाई कोर्ट की रेग्यूलर बेंच के सामने इसे मेंशन नहीं कर सकता। पया राहत दीजिए।” इस पर हा कोर्ट के चीफ जस्टिस ने उन्हें करारा झटका देते हुए कहा, हमें उस व्यक्ति से कोई सहानुभूति नहीं है। अभी नहीं। आप जाइए। कृपया सोमवार को आइए।”
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या पश्चिम बंगाल पुलिस शेख को गिरफ्तार कर सकती है। इसके 24 घंटे के भीतर ही शेख को गिरफ्तार कर लिया गया।
राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने भी शेख की गिरफ्तारी के लिए सोमवार रात राज्य सरकार को 72 घंटे की ‘‘समयसीमा’’ दी थी। राज्यपाल ने कहा, ‘‘ अंधकार के बाद उजाला जरूर होता है। मैं इसका स्वागत करता हूं।’’
इस बीच, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले की एक अदालत ने शाहजहां शेख को बृहस्पतिवार को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
मिनाखान से तड़के गिरफ्तारी के बाद शेख को सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर बशीरहाट की अदालत में पेश किया गया था।
राज्य पुलिस ने शेख को 14 दिन की हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध किया था लेकिन अदालत ने 10 दिन की पुलिस हिरासत की मंजूरी दी।एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि शेख का पता उसके मोबाइल फोन की ‘‘लोकेशन’’ से चला।
उन्होंने कहा, ‘‘ शेख समय-समय पर अपना स्थान बदल रहा था। उसके मोबाइल फोन के टावर की ‘लोकेशन’ से उसका पता लगाया गया।’’