राज्यसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है।
इसी दिन बिहार में कांग्रेस के दो और आरजेडी एक विधायक ने भाजपा का दामन थाम लिया। असम में भी इसके संकेत मिल रहे हैं।
इस सबके बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने मंगलवार को दावा किया कि राज्य में 2026 विधानसभा चुनाव आने तक कांग्रेस में केवल मुस्लिम विधायक ही बचे रहेंगे।
सरमा ने विश्वनाथ जिले के गोहपुर में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि रकीबुल हुसैन, रकीबुद्दीन अहमद, जाकिर हुसैन सिकदर, नुरुल हुदा और कुछ अन्य कांग्रेस विधायक ही पार्टी में बने रहेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या हाल ही में कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस नेता राणा गोस्वामी भाजपा में शामिल हो रहे हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वह कांग्रेस के ताकतवर नेता हैं और अगर वह भाजपा में शामिल होते हैं तो मैं इसका स्वागत करूंगा।’’
इससे पहले दिन में कांग्रेस की असम प्रदेश इकाई के प्रमुख भूपेन बोरा ने दावा किया कि मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा का ‘मेरे और मेरे परिवार के प्रति जिस प्रकार का कटु व्यवहार है’, उससे यह स्पष्ट होता है कि वह मुझसे डरते हैं। बोरा ने दावा किया कि सरकारी कर्मचारी के रूप में कार्यरत उनके भाई और भाभी का तबादला राज्य के अलग-अलग कोनो में कर दिया गया।
बोरा ने कहा कि जनवरी में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान हमले के बाद उन्होंने सुरक्षा बढ़ाने का अनुरोध किया था लेकिन अभी तक इस बाबत कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिन लोगों ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान उन पर हमला किया वे अभी खुले घूम रहे हैं।
उन्होंने एक्स पर कहा, ”एक ऐसा राज्य, जहां असहमति पर कविता लिखने या फिर आलोचना भरा ट्वीट करने पर आपकी गिरफ्तारी हो सकती है वहां हमलावर बिना किसी परवाह के खुलेआम घूम रहे हैं।” उन्होंने कहा, ”बेरूखी डर का एक संकेत है। मैं इस बात से वाकिफ हूं कि असम में अगर कोई व्यक्ति ऐसा है, जिससे हिमंत विश्व वाकई में डरते हैं तो वह मैं हूं। क्यों? क्योंकि उनका मेरे और मेरे परिवार के प्रति कटुता भरा व्यवहार उनका डर दिखाता है। उन्हें (हिमंत) प्रशंसक नहीं गुलाम पसंद हैं।”
बोरा के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों का तबादला राज्य में कहीं भी हो सकता है। हजारिका ने बोरा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ”कांग्रेस के एक बड़े नेता के रिश्तेदार के साथ ऐसा हुआ इसका ये मतलब नहीं है कि उन्हें विशेष तवज्जो दी जाएगी।”