विधानसभा में मराठा आरक्षण विधेयक पास कराने के बाद अब महाराष्ट्र सरकार आंदोलन के अगुआ रहे मनोज जरांगे पाटिल पर भी सख्त नजर आ रही है।
मनोज पाटिल के खिलाफ कई धारों में मुकदमा दर्ज किया या है। जानकारी के मुताबिक उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 341, 143, 145, 149 और 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
उनपर आरोप है कि उन्होंने आम लोगों को सड़क जाम करने के लिए उकसाया जिससे कि भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा।
उनकी वजह से लोगों को असुविधा हुई। बीड़ के एसपी नंदकुमार ठाकुर के मुताबिक 25 अन्य जगहों पर ट्रैफिक जाम को लेकर भी केस दर्ज किया गया है।
बताया जा रहा है कि मनोज जरांगे पाटिल ने एक बार फिर एकनाथ शिंदे सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने रविवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर गंभीर आरोप लगा दिए थे और कहा था कि उनके एनकाउंटर की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा था कि वह फडणवीस के घर के बाहर धरा देंगे। सोमवार को मराठा प्रदर्शनकारी एक बार फिर उग्र हो उठे और जालना में एक बस को आग लगा दी। यहां खूब हंगामा हुआ।
इसके बाद अंबाद तहसील में कर्फ्यू लगा दिया गया। जालना, बीड़ और छत्रपति शंभाजीनगर में इंटरनेट सेवा 10 घंटे के लिए बंद की गई थी।
बता दें कि शिंदे सरकार ने मराठाओं की मांगों को स्वीकार करते हुए 20 फरवरी को विशेष सत्र के दौरान विधानसभा में मराठा आरक्षण विधेयक पास करवाया।
इसके तहत नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। अब मराठाओं का आरक्षण 62 फीसदी तक पहुंच गया है।
हालांकि मांग है कि उन्हें ओबीसी के तहत आरक्षण दिया जाए। वहीं सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण किसी समुदाय को नहीं दिया जा सकता।
दो बार पहले ही महाराष्ट्र विधानसभा में मराठा कोटा बिल पास हो चुका है। हालांकि कोर्ट ने आरक्षण देने पर रोक लगा दी थी।