प्रवीण नांगिया (ज्योतिष एवं अंक ज्योतिष):
सनातन धर्म में हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी मनाया जाता है।
इस दिन हिंदू धर्म के प्रथम पूजनीय देवता गणेशजी की पूजा-आराधना की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से गणपति बप्पा अपने भक्तों के सभी दुख-कष्ट से मुक्ति दिलाते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 28 फरवरी 2024 को पड़ रही है। इस दिन को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाने जाते हैं।
आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त,पूजा सामग्री लिस्ट और पूजाविधि…
शुभ मुहूर्त : हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 28 फरवरी 2024 को सुबह 1 बजकर 53 मिनट पर होगा और अगले दिन यानी 29 फरवरी 2024 को सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 28 फरवरी दिन बुधवार को ही द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।
पूजा सामग्री लिस्ट : लकड़ी चौकी, पीला कपड़ा, जनेऊ, पान का पत्ता, लौंग, इलायची, गंगाजल, दूर्वा, रोली, मेहंदी, सिंदूर, अक्षत, हल्दी, मौली, इत्र, गाय का घी, तिल के लड्डू, मोदक, चीनी, कलश समेत सभी सामग्री एकत्रित कर लें।
संकष्टी चतुर्थी पूजाविधि :
संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठें।
स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
घर के मंदिर की साफ-सफाई करें।
एक छोटी चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।
अब गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करें।
गणपति बप्पा के समक्ष धूप-दीप और नेवैद्य अर्पित करें।
इसके साथ ही गणेश जी लाल फूल, दूर्वा, सिंदूर, मोदक, सुपारी और इत्र चढ़ाएं।
फिर गणेश मंत्रों का जाप करें और गणेश चालीसा का पाठ करें।
अंत में गणेशजी के साथ सभी देवी-देवताओं की आरती उतारें।
पूजा समाप्त होने के बाद लोगों में प्रसाद वितरण करें।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।