रायपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भिलाई आईआईटी के स्थाई परिसर को किया राष्ट्र को समर्पित…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय लोकार्पण कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े, प्रधानमंत्री के प्रति व्यक्त किया आभार

400 एकड़ में विकसित हो रहा है भिलाई का आईआईटी कैंपस

प्रधानमंत्री ने कवर्धा और कुरुद केन्द्रीय विद्यालय के नवनिर्मित भवनों का किया ऑनलाइन लोकार्पण

एक हजार से ज्यादा छात्र अध्ययनरत, 2016 में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर में प्रारंभ हुई थी कक्षाएं, परिसर की कई भवनें छत्तीसगढ़ की नदियों और पहाड़ों के नाम पर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई में अभी एक हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग की 11 शाखाओं (Branches) में पढ़ाई कर रहे हैं।

वर्ष 2016 में आईआईटी के अस्थाई परिसर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर में कक्षाएं लगना प्रारंभ हुई थीं। अगस्त-2023 से भिलाई स्थित स्थाई परिसर में कक्षाएं लग रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 14 जून 2018 को भिलाई में आईआईटी परिसर के निर्माण की आधारशिला रखने के बाद 8 जुलाई 2020 से इसका निर्माण आरंभ हुआ था।

आईआईटी भिलाई का परिसर 400 एकड़ में फैला है। आरंभिक रूप से इसके निर्माण के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा 1090 करोड़ 18 लाख रुपए स्वीकृत कर परिसर में लेक्चर हाल, सेमिनार रूम, क्लासरूम आदि बनाए हैं।

यहां निर्मित कई भवनों के नाम छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियों और पहाड़ों के नाम पर इंद्रावती, शिवनाथ, कन्हर, मैनपाट, गौरलाटा, सिहावा, पेलमा इत्यादि रखे गए हैं।

नरेन्द्र मोदी ने आज भिलाई स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के स्थाई परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने जम्मू में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में आईआईटी भिलाई के साथ ही कुरुद और कवर्धा में केन्द्रीय विद्यालय के नए बने भवनों का भी लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भिलाई आईआईटी से ऑनलाइन लोकार्पण कार्यक्रम में जुड़े। उन्होंने भिलाई के उच्च तकनीकी राष्ट्रीय संस्थान आईआईटी के स्थाई परिसर को राष्ट्र को समर्पित करने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। करीब 400 एकड़ में संस्थान का कैंपस विकसित किया जा रहा है।

सांसद विजय बघेल, विधायक डोमन लाल कोर्सेवाड़ा और ललित चन्द्राकर, पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, श्रीमती रमशीला साहू, भिलाई आईआईटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन श्री के. वेंकटरमनन और निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश भी लोकार्पण कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भिलाई आईआईटी में आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए आज गौरव का दिन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जम्मू से देश के लिए 32 हजार करोड़ रुपए की 220 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास और उद्घाटन किया है।

इनमें छत्तीसगढ़ की भी तीन शैक्षणिक संस्थाएं शामिल हैं। मैं प्रधानमंत्री को इसके लिए धन्यवाद देता हूं और उनके प्रति आभार प्रकट करता हूं।

उन्होंने आईआईटी भिलाई परिवार को सर्वसुविधायुक्त स्थाई कैंपस मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आईआईटी उच्च शिक्षा का उत्कृष्ट केंद्र बनेगा।

सांसद विजय बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों भिलाई आईआईटी को राष्ट्र को समर्पित करते देखने के साक्षी हैं।

प्रधानमंत्री ने आज देश भर में अनेक उच्च शिक्षण संस्थानों का लोकार्पण, शिलान्यास और उद्घाटन किया है। देश के युवाओं को आज बड़ी सौगात मिली है।

भिलाई आईआईटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन के. वेंकटरमनन और निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

पूर्व विधायक लाभचंद बाफना और भिलाई आईआईटी के रजिस्ट्रार सेवानिवृत्त विंग कमांडर डॉ. जयेश चन्द्र एस. पई सहित अनेक जनप्रतिनिधि, आईआईटी के प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे।

एक हजार से ज्यादा छात्र अध्ययनरत, 2016 में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर में प्रारंभ हुई थी कक्षाएं, परिसर की कई भवनें छत्तीसगढ़ की नदियों और पहाड़ों के नाम पर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई में अभी एक हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग की 11 शाखाओं (Branches) में पढ़ाई कर रहे हैं।

वर्ष 2016 में आईआईटी के अस्थाई परिसर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर में कक्षाएं लगना प्रारंभ हुई थीं।

अगस्त-2023 से भिलाई स्थित स्थाई परिसर में कक्षाएं लग रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 14 जून 2018 को भिलाई में आईआईटी परिसर के निर्माण की आधारशिला रखने के बाद 8 जुलाई 2020 से इसका निर्माण आरंभ हुआ था।

आईआईटी भिलाई का परिसर 400 एकड़ में फैला है। आरंभिक रूप से इसके निर्माण के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा 1090 करोड़ 18 लाख रुपए स्वीकृत कर परिसर में लेक्चर हाल, सेमिनार रूम, क्लासरूम आदि बनाए हैं।

यहां निर्मित कई भवनों के नाम छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियों और पहाड़ों के नाम पर इंद्रावती, शिवनाथ, कन्हर, मैनपाट, गौरलाटा, सिहावा, पेलमा इत्यादि रखे गए हैं।

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