जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने अपनी अगली सरकार बनाने के प्रयास विफल होने के बाद संसद में विपक्ष में बैठने का फैसला किया है।
पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए चुनावों में किसी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों ने संघीय सरकार बनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव परिणामों में दबदबा बनाए रखा मगर यह बढ़त सरकार बनाने के लिए काफी नहीं थी।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्याबल होने का दावा किया, क्योंकि चुनाव के बाद कुछ निर्दलीय उम्मीदवार नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हुए हैं।
अब पीटीआई के नेता बैरिस्टर मुहम्मद अली सैफ ने शुक्रवार को घोषणा की कि पीटीआई संस्थापक खान के निर्देशों के बाद, पार्टी ने केंद्र के साथ साथ पंजाब जैसे प्रमुख प्रांत में विपक्ष में बैठने का फैसला किया है।
इस्लामाबाद में कौमी वतन पार्टी के साथ बैठक के बाद शुक्रवार रात मीडिया से सैफ ने कहा, “इस हकीकत के बावजूद हमने विपक्ष में बैठने का फैसला किया कि अगर हमें हमारे वोटों के मुताबिक सीटें मिलतीं और नतीजे नहीं बदले होते तो शायद आज हम 180 सीटों के साथ केंद्र की सत्ता में होते। हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि हमारे उम्मीदवार जीते हैं।”
इमरान खान की पार्टी ने कथित धांधली के खिलाफ शुक्रवार को एक श्वेत पत्र भी जारी किया और शनिवार से अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करने का फैसला किया है।