अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हो रही है।
इस कार्यक्रम के जरिए भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव को भी साधने की मंशा रखती है। भाजपा के इस कदम से प्रेरित होकर ओडिशा में नवीन पटनायक सरकार भी कुछ ऐसा ही कर रही है।
यहां पर जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर के लिए बड़ी योजनाएं शुरू की गई हैं। इस कदम के जरिए बीजू जनता दल एक तरफ तो धार्मिक भावनाओं को बढ़ाना चाहती है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में भाजपा के बढ़ते प्रभाव को भी रोकना चाहती थी।
नया प्रोजेक्ट
नवीन पटनायक सरकार ने ‘अमा ओडिशा, नबीन ओडिशा’ का प्रोजेक्ट लांच किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक यह योजना पुरी के इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव के लिए शुरू की गई है, जिसमें 4000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है।
इस प्रोजेक्ट में 2.8 किमी का श्री सेतु भी शामिल है। इस श्री सेतु के बन जाने के बाद भुबनेश्वर से जगन्नाथ मंदिर की दूरी काफी कम हो जाएगी।
हालांकि इस प्रोजेक्ट का सबसे अहम हिस्सा 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के चारों तरफ बनने वाला कॉरिडोर है। इसके लिए 1,943 करोड़ रुपए का बजट है।
यह 75 मीटर का हेरिटेज कॉरिडोर होगा, जिसमें एक ग्रीन बफर जोन, तीन लाइनों वाला बाहरी रास्ता और आम लोगों की सुविधा के लिए जगह होगी।
इमेज पॉलिटिक्स
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इसके जरिए अपनी इमेज भी चमकाने की कोशिश में जुटे हैं। इसके तहत प्रदेश भर में करीब 8000 वाहनों का एक फ्लीट तैयार किया गया है।
इन वाहनों पर एक तरफ भगवान जगन्नाथ की तस्वीरें हैं और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की फोटोज हैं। बीजू जनता दल ओडिशा में लगातार छठवीं बार सत्ता में आने की मंशा रखती है।
लेकिन इसके लिए उसे भाजपा को रोकना होगा। असल में बीते चुनाव में बीजेडी ने यहां की 21 लोकसभा सीटों में से 8 भाजपा के हाथों गंवा दिया था।
दूसरी तरफ बहुत से आलोचक इस धार्मिक कार्यक्रम के लिए बीजेडी की आलोचना कर रहे हैं। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि यह सब करके वह भाजपा के नक्शेकदम पर चल रहे हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं, आलोचकों का यह भी कहना है कि नवीन पटनायक ने पुरी में हेरिटेज प्रोजेक्ट के लिए जिस तरह से पूजा-पाठ आदि चीजों के लिए लोगों से अपील की है, वह भी पीएम मोदी जैसा साउंड कर रहा है।