केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि अयोध्या आंदोलन सिर्फ एक मंदिर के लिए नहीं बल्कि किसी का तुष्टिकरण किये बिना ‘सभी के साथ न्याय’ सुनिश्चित करने के लिए एक जागरूकता अभियान था और उन्होंने कहा कि हिंदुत्व का इतिहास ‘हमारे’ देश का इतिहास है।
वरिष्ठ भाजपा नेता नागपुर में एक पुस्तक विमोचन समारोह में लोगों को संबोधित कर रहे थे।
गडकरी ने कहा कि भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) की ‘रथ यात्रा’ अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे को देश में सबसे आगे लेकर आई।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अशोक सिंघल, वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा और कई साधुओं तथा शंकराचार्यों ने इसके लिए संघर्ष किया। गडकरी ने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन सिर्फ एक मंदिर के बारे में नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रयास भारत के इतिहास, संस्कृति और विरासत को गौरव एवं सम्मान वापस दिलाने के लिए थे।”
गडकरी ने कहा कि जहां भगवान राम का जन्म हुआ था, वहां राम मंदिर की मौजूदगी देश में रहने वाले सभी लोगों के लिए गौरव और स्वाभिमान का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, यह मुद्दा सांप्रदायिक या जाति-संबंधी नहीं है। यह ‘राष्ट्रीय’ है।”
मंदिर निर्माण से खुश हैं लोग : गडकरी
उन्होंने कहा, ‘‘लोग अब खुश हैं कि भगवान राम के जन्मस्थान पर एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है और ‘‘हम सभी को 22 जनवरी को दर्शन करने का अवसर मिलेगा।”
‘धर्मनिरपेक्ष शब्द की गलत व्याख्या की गई थी‘
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अतीत में राजनीतिक लाभ के लिए ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द की गलत व्याख्या की गई थी।।।।लेकिन हमारा समाज आनुवंशिक रूप से ‘धर्म निरपेक्ष’ है। धर्म निर्पेक्षता का अर्थ है ‘सर्व धर्म समभाव’ ।”