प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपने मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर भारत के साथ राजनयिक विवाद और टेंशन के बीच, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने बुधवार को अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात की।
इसके बाद दोनों देशों ने पर्यटन सहयोग सहित 20 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए और अपने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की एक खबर के अनुसार दोनों राष्ट्रपतियों ने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने की घोषणा की।
मालदीव के राष्ट्रपति के कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “आज दोपहर मालदीव और चीन की सरकारों के बीच 20 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और इस मौके पर दोनों राष्ट्रपति मौजूद थे।”
इन समझौतों में पर्यटन सहयोग, आपदा जोखिम में कमी, समुद्री अर्थव्यवस्था, डिजिटल अर्थव्यवस्था में निवेश को मजबूती देना और ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल शामिल हैं।
चीन मालदीव को अनुदान सहायता भी देने को तैयार हो गया है लेकिन राशि का खुलासा नहीं किया गया। मुइज्जू और उनकी पत्नी साजिदा मोहम्मद का बीजिंग में गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
राष्ट्रपति शी और उनकी पत्नी पेंग लियुआन ने उनके सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन किया। मालदीव के राष्ट्रपति की चीन की राजकीय यात्रा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उनके मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणियों और यूरोपीय संघ चुनाव अवलोकन मिशन की एक रिपोर्ट जारी होने की पृष्ठभूमि में हो रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) के सत्तारूढ़ गठबंधन ने 2023 के राष्ट्रपति चुनावों में भारत विरोधी भावनाओं को बढ़ावा दिया और गलत सूचना फैलाने का प्रयास किया, जिसमें मुइज्जू ने जीत हासिल की।
मुइज्जू को चीन समर्थक नेता माना जाता है। पिछले दिनों मालदीव के कुछ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।
उसके बाद बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटकों ने मालदीव यात्रा रद्द कर दी। मालदीव पर्यटन पर निर्भर द्वीपीय राष्ट्र है। शी के साथ बातचीत के अलावा, मुइज्जू के चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की उम्मीद है। वह 12 जनवरी को माले लौटेंगे। मुइज्जू कल रात बीजिंग पहुंचे। इससे पहले वह दो दिन तक चीन के फुज़ियान शहर में थे। मुइज्जू ने मंगलवार को चीन से उनके देश में अधिक पर्यटकों को भेजने के प्रयासों को तेज करने का आग्रह किया। चीन की अपनी पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दूसरे दिन मुइज्जू ने मंगलवार को फुजियान प्रांत में ‘मालदीव बिजनेस फोरम’ को संबोधित करते हुए चीन को द्वीपीय राष्ट्र का ”निकटतम सहयोगी” बताया।
उन्होंने कहा, ”कोविड से पहले चीन के पर्यटक सबसे अधिक संख्या में हमारे देश में आते थे, और मेरा अनुरोध है कि चीन इस स्थिति को फिर से हासिल करने के लिए प्रयास तेज करे।” उनकी यह अपील भारत के साथ राजनयिक विवाद के बीच आई है। हालांकि, मुइज्जू की सरकार ने सोशल मीडिया पर मोदी के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट के लिए तीन उप मंत्रियों को निलंबित कर दिया है। मालदीव के पर्यटन मंत्रालय द्वारा पहले जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत 2023 में देश के लिए सबसे बड़ा पर्यटक बाजार बना हुआ है। पिछले साल मालदीव में सबसे अधिक 2,09,198 भारतीय पर्यटक पहुंचे थे, इसके बाद 2,09,146 रूसी पर्यटक और 1,87,118 चीनी पर्यटक पहुंचे थे।
मुइज्जू ने कहा कि चीन “हमारे सबसे करीबी सहयोगियों और विकास भागीदारों में से एक” है। अपने संबोधन में उन्होंने 2014 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा शुरू की गई ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) परियोजनाओं की प्रशंसा की और कहा कि ”उन्होंने (चिनफिंग ने) मालदीव के इतिहास में देखी गई सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्रदान की हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि उनका प्रशासन चीन के साथ हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के त्वरित कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इसे दोनों देशों के बीच घनिष्ठ वाणिज्यिक संबंधों का प्रतीक बताया। मालदीव और चीन ने दिसंबर 2014 में एफटीए पर हस्ताक्षर किए थे। उस समय चीन समर्थक अब्दुल्ला यामीन राष्ट्रपति थे। उनके उत्तराधिकारी राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के प्रशासन ने समझौते को लागू नहीं किया।