दुर्ग जिले के निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल शंकराचार्य हॉस्पिटल की मनमानी के खिलाफ सोमवार को भाजयुमो ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया।
भाजयुमो नेताओं ने आरोप लगाया कि शंकराचार्य हॉस्पिटल प्रबंधन लगातार मरीज और उनके परिजनों से अमानवीय व्यवहार करता आ रहा है। उन्होंने शासन-प्रशासन से उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
भाजयुमो नेता राहुल भट्ट ने बताया कि इंदिरा कॉलोनी दुर्ग निवासी सोमेंद्र सोनी ने कलेक्टर दुर्ग से शिकायत की थी।
उसने बताया था कि उसकी बड़ी बहन सपना (35) का इलाज शंकराचार्य हॉस्पिटल में चल रहा था। इलाज के दौरान 7 जनवरी को उसकी मौत हो गई। इसकी जानकारी मिलने पर सोमेंद्र बाहर से एंबुलेंस करके शव को लेने गया था।
सोमेंद्र ने बताया कि जब वो हॉस्पिटल पहुंचा और बहन का शव देने की मांग की, तो हॉस्पिटल स्टाफ ने उससे बदतमीजी से बात की।
उन्होंने कहा कि शव ले जाना है, तो हॉस्पिटल के एंबुलेंस में ले जाना होगा। बाहर से एंबुलेंस लाओगे, तो शव नहीं देंगे। इस बात को लेकर शोकाकुल परिजनों और हॉस्पिटल स्टाफ के बीच काफी बहस हुई।
बाद में जब मामला बढ़ने लगा, तो हॉस्पिटल प्रबंधन ने शव को परिजनों के सुपुर्द किया।
शव का अंतिम संस्कार करने के बाद परिजनों ने भाजयुमो नेताओं के साथ मिलकर सोमवार को शंकाराचार्य हॉस्पिटल का घेराव कर दिया।
कई घंटे तक नारेबाजी और प्रदर्शन का दौर चला। इसके बाद पुलिस बल मौके पर पहुंचा और काफी समझाने-बुझाने के बाद वहां से भाजयुमो के कार्यकर्ता और पदाधिकारी हटे।
स्वास्थ्य मंत्री से भी भाजयुमो नेता करेंगे शिकायत
भाजयुमो नेताओं का कहना है कि इस मनमानी के खिलाफ वे लोग सीएमओ से शिकायत करेंगे। अगर उसके बाद भी कार्रवाई नहीं होती है, तो वे लोग उग्र आंदोलन करेंगे और अपनी आवाज स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंचाएंगे।
अस्पताल प्रबंधन ने कड़ी कार्रवाई करने की कही बात
शंकराचार्य हॉस्पिटल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ रमेश साहू का कहना है कि ये किसने किया, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हो रहा है, तो इसमें सुधार लाया जाएगा।
दुखी परिजनों के साथ जो हुआ, वो गलत है। हॉस्पिटल प्रबंधन इसकी जांच करेगा और जिसने भी ये किया है, उसे नौकरी से निकाला जाएगा।