उत्तर भारत में सर्दी का सितम जारी है। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तरी छत्तीसगढ़ समेत सभी राज्यों में रविवार को भी ठंड का प्रकोप देखने को मिला।
कई स्थानों पर घने कोहरे के कारण सुबह के समय दृश्यता कम रही। मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले तीन दिनों तक ठिठुरन से राहत मिलने के आसार नहीं है।
फिलहाल, अभी कोल्ड डे का असर देखने को मिल रहा है। वहीं आठ और नौ जनवरी को राज्य के कई जिलों में बारिश के आसार हैं, जिससे ठंड में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
IMD के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से कोहरे की मोटी परत के कारण उत्तर भारत के कई राज्यों में धूप नहीं निकली।
अगले दो दिन पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पूर्वी उत्तर प्रदेश में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। इसके अलावा, अगले पांच दिनों के दौरान उत्तर भारत में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना कम है।
ठंड बढ़ने का कारण
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पंजाब से पूर्वी उत्तर प्रदेश तक जमीन से 150 मीटर की ऊंचाई पर कोहरी की चादर बनी हुई है।
वहीं बर्फीले पहाड़ों के ऊपर ठंडी हवाओं का तूफान बनने से शीतलहर में तेजी आई है। इन हवाओं का असर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है। इससे ये हवाएं मैदानी इलाकों में प्रभाव डाल रही हैं।
पंजाब, हरियाणा में घने कोहरा का असर
पंजाब और हरियाणा में घने कोहरे का असर देखने को मिल रहा है।
इससे कई जगहों पर दृश्यता शून्य दर्ज की गई। पंजाब के अमृतसर में हाड़ कंपा देने वाली ठंड है। यहां न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा, लुधियाना, पटियाला, पठानकोट, बठिंडा, फरीदकोट और गुरदासपुर में भी रात को ठंड रही और न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया।
राजधानी चंडीगढ़ में रविवार सुबह घना कोहरे देखने को मिला और न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा, हरियाणा में भिवानी सबसे ठंडा स्थान रहा और न्यूनतम तापमान 6.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
यूपी में बारिश के आसार
उत्तर प्रदेश के कई शहरों में ठिठुरन के कारण रविवार को लोग अपने घरों में दुबके नजर आए। यहां तापमान कम होने से जनजीवन प्रभावित हो रखा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोहरे के कारण दिन में धूप नहीं निकली। वहीं ठंडी हवाओं का भी असर देखने को मिला। मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार से यूपी के कई जिलों में बारिश के आसार हैं। इसके अलावा, ओले पड़ने की भी संभावना है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में शीतलहर
नए साल पर मध्य प्रदेश और राजस्थान में ठंड और कोहरे का दौर जो शुरू हुआ, वह थमने का नाम ले रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान समूचा प्रदेश ठंड और शीतलहर के आगोश में रहा।
मौसम विभाग के मुताबिक, मध्य प्रदेश में शिवपुरी सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने बताया कि आठ जनवरी से एक पश्चिमी विक्षोभ बन रहा है, जिससे अगले तीन दिनों तक बारिश और ठंड से राहत नहीं है। भोपाल में अगले 24 घंटे में आसमान में बादल छाने और हल्की बूंदाबांदी की आशंका है।
वहीं राजस्थान के कुछ हिस्सों में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। अलवर में रविवार सुबह न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा।
राज्य में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से रविवार को उदयपुर, कोटा संभाग के जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई। वहीं सोमवार और मंगलवार को कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की भी उम्मीद है।
श्रीनगर में इस मौसम की सबसे ठंडी रात
श्रीनगर शहर में शनिवार की रात इस मौसम की अब तक की सबसे ठंडी रात रही। इसके साथ ही पूरे कश्मीर में हाड़ जमा देने वाली शीत लहर का प्रकोप जारी है।
अधिकारियों के मुताबिक, कश्मीर में पारा शून्य से पांच डिग्री से अधिक तक नीचे गिर गया। मौसम विभाग ने बताया कि क्षेत्र में जारी भीषण शीतलहर के कारण यहां डल झील और कश्मीर के अन्य जलाशयों की सतह पर बर्फ की एक पतली परत बन गई।
श्रीनगर में शनिवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से 5.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो शुक्रवार रात शून्य से 5.4 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे रहा।
मौसम विभाग ने बताया कि मैदानी इलाकों में आम तौर पर बादल छाए रहने के अनुमान हैं। वहीं नौ जनवरी को जम्मू और कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में बहुत हल्की बर्फबारी के आसार हैं। यहां 10 से 14 जनवरी तक मौसम खराब रहेगा।
पंजाब में पहुंचे 40 से 50 हजार प्रवासी पक्षी
पंजाब की हरिके आर्द्रभूमि (वेटलैंड) में अब तक लगभग 40 से 50 हजार प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं। सर्दी के मौसम की शुरुआत में देरी के कारण इस बार ये प्रवासी पक्षी देर से यहां आए हैं।
हरिके आर्द्रभूमि को उत्तर भारत की सबसे बड़ी आर्द्रभूमि के रूप में जाना जाता है, जो पंजाब के तरनतारन, फिरोजपुर और कपूरथला जिलों में 86 वर्ग किलोमीटर तक फैली हुई है।
साइबेरिया, मंगोलिया, उज्बेकिस्तान, रूस और दुनिया के अन्य हिस्सों सहित विभिन्न देशों से लगभग 90 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी हर साल सर्दियों में हरिके आर्द्रभूमि पहुंचते हैं क्योंकि उनके मूल स्थानों पर जलाशय तापमान में कमी की वजह से जम जाते हैं।