ईरान के दक्षिणी प्रांत स्थित करमान शहर में पूर्व जनरल कासिम सुलेमानी की मजार पर हुए दोहरे बम विस्फोटों ने ईरानियों के जख्मों को फिर से हरा कर दिया है।
चार साल पहले आज ही के दिन अमेरिका ने बगदाद में ड्रोन हमला करके सुलेमानी की हत्या कर दी थी। सुलेमानी अमेरिका की नजरों में आतंकी था और हमास-हिजबुल्लाह जैसे आतंकी संगठनों की आंखों का तारा।
सुलेमानी अमेरिका की आंखों में तब चुभा जब उसने तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वकील और सीनेटर एलिजाबेथ सहित कई अमरीकी अधिकारियों की हत्या कर दी थी।
कासिम सुलेमानी अपने वक्त में ईरान के सबसे पॉवरफुल व्यक्तियों में से एक माना जाता था। उसे लोग ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के बाद देश का दूसरा बड़ा नेता मानते थे।
उनकी हत्या की बरसी पर करमान शहर के साहेब अल-ज़मान मस्जिद के पास मजार पर सैकड़ों की संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने आए थे।
समारोह चल रहा था और तभी जोरदार धमाका हुआ। 10 मिनट बाद दूसरा धमाका हुआ। इस हमले में अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, 103 लोगों की मौत हो चुकी है और 141 लोग घायल हैं।
ईरान ने इस हमले को आतंकवादी हमला करार दिया है। इसके बाद ईरान ने अपनी सेना को तैयार रहने का आदेश दिया है।
अमेरिका के लिए आतंकी था सुलेमानी
सुलेमानी ने ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) में अल-कुद्स फोर्स का नेतृत्व किया। यह वही फोर्स है जिसे अमेरिका ने विदेशी आतंकवादी संगठन करार दिया था।
3 जनवरी 2020 में बगदाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संयुक्त राज्य अमेरिका ने ड्रोन हमले में आईआरजीसी कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी थी।
माना जाता है कि सुलेमानी ने ट्रम्प के वकील रूडी गिउलिआनी और सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन सहित अमेरिकी सरकारी अधिकारियों की हत्या की थी।
तब से वह ट्रंप की आंखों में चुभ रहा था। इसके लिए ट्रंप ने अमेरिकी सेना को विशेष अभियान सौंपा था। तब सुलेमानी की हत्या पर ट्रंप ने कहा था कि यह कार्रवाई ‘युद्ध रोकने’ के लिए की गई। उधर, संयुक्त राष्ट्र में ईरान ने इस कदम की तुलना ‘युद्ध शुरू करने’ से की थी।
हमास और हिजबुल्लाह की आंखों का तारा
सुलेमानी को ईरान में बहुत सम्माजनक नेता के तौर पर जाना जाता था। उस पर आतंकी संगठनों हमास और हिजबुल्लाह को मदद करने के भी आरोप लगे। कासिम सुलेमानी खास तौर पर कुर्द फोर्स के सीक्रेट मिशनों को लीड करता था।
हमास और हिजबुल्लाह सहित अन्य आतंकी संगठनों, सरकारों और सशस्त्र समूहों को रकम, रसद, हथियार, खुफिया मदद और मार्गदर्शन मुहैया कराने का काम भी देखता था।
साल 2019 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को न्यूक्लियर ट्रीटी तोड़ने पर तबाही की धमकी दी थी। इस पर सुलेमानी ने ट्रंप को ललकारते हुए कहा था कि अगर अमेरिका जंग शुरू करता है तो इसे खत्म हम करेंगे।
बम धमाकों के बाद ईरान-अमेरिका में तनाव
कासिम सुलेमानी की हत्या की बरसी पर करमान शहर में हुए दो बम धमाकों से ईरान तिलमिलाया हुआ है।
हालांकि अभी इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने भी सीधे तौर पर नहीं ली है लेकिन, इस हमले के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। दोहरे विस्फोट का कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है जबकि ईरानी अधिकारियों का कहना है कि यह “आतंकवादी हमलों” से हुआ था।
इन हमले से ईरान के प्रमुख शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कुछ देशों ने शत्रुता बढ़ने पर चिंता व्यक्त की है। सूत्रों का कहना है कि रक्षा एक्सपर्ट इसके पीछे की बड़ी वजह हमास और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में ईरान द्वारा हमास का समर्थन करने से भी जोड़ रहे हैं।