केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए हिट एंड रन कानून का जमकर विरोध हो रहा है।
देश भर में ट्रक और डंपर चालकों ने चक्का जाम किया हुआ है। इन लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से गलत कानून लाया गया है जिसे वापस लिया जाना चाहिए।
दिल्ली-एनसीआर, यूपी, एमपी और महाराष्ट्र समेत कई इलाकों में ड्राइसवर्स की हड़ताल का असर दिख रहा है।
विरोध प्रदर्शन के बीच लोग इस डर से विभिन्न शहरों में पेट्रोल पंपों पर पहुंच रहे हैं कि आंदोलन से पेट्रोल-डीजल की सप्लाई पर असर पड़ सकता है। अलग-अलग हिस्सों में पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ देखी जा रही है।
औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता लाई गई है।
इसके तहत, लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले ड्राइवरों को 10 साल तक की सजा हो सकती है या 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
भोपाल के एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘नया कानून चालकों के हित के खिलाफ है। चालक किसी को मारना नहीं चाहते, लेकिन दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
ऐसे मामलों में लोग चालक के खिलाफ हो जाते हैं। हम मांग करते हैं कि नए कानून में संशोधन किया जाए।’ एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि नए कानून को लेकर हम सब बहुत परेशान हैं। इसमें सजा के कड़े प्रावधान किए गए हैं। इसे देखते हुए लगता है कि हम मजदूरी कर लेंगे मगर ड्राइवरी नहीं करेंगे।
‘ड्राइवर को खुद घायल को ले जाना होगा अस्पताल’
कांग्रेस परिवहन प्रकोष्ठ के अधिकारी जसबीर सिंह खनूजा ने कहा कि ऑल इंडिया बस, ट्रक और टैंकर ऑपरेटर्स कांग्रेस व अन्य संगठनों की अपील पर हड़ताल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह हड़ताल अनश्चितिकालीन है और इस संबंध में केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए। खनूजा ने कहा, ‘परिवहन व्यवसाय वाहनचालकों की समस्या से पहले ही जूझ रहा है।
अब जो नया प्रस्तावित कानून है, उसमें सड़क हादसा होने पर ड्राइवर को खुद ही घायल व्यक्ति या व्यक्तियों को अस्पताल ले जाना पड़ेगा और इसकी सूचना पुलिस को देना होगी।
अगर वाहनचालक दोषी पाया जाएगा, तो उसे 7 से लेकर 10 साल तक की सजा होगी। इसके साथ ही उसे 5 से लेकर 10 लाख रुपये तक जुर्माना भरना पड़ेगा।’
‘कहीं भीड़ पकड़कर मार न डाले’
खनूजा ने कहा कि अपने देश में सड़क हादसे के बाद अगर ड्राइवर वहीं रुक जाए, तो भीड़ ही उसे पकड़कर मार डालेगी। यह सबसे बड़ी समस्या है और इसलिए अगर सड़क हादसे होते हैं, तो वाहनचालक के पास भागने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा कि बाद में ड्राइवर खुद ही पुलिस के समक्ष समर्पण कर देता है। वह भागता सिर्फ भीड़ से बचने के लिए है। उनका कहना है कि यह प्रस्तावित कानून देश में आगामी 1 अप्रैल से लागू करने की योजना है।
नए कानून के प्रावधान जानने के बाद वाहनचालक वाहन चलाने तैयार नहीं हैं। इस वजह से हड़ताल शुरू हुई है। यह हड़ताल अनश्चितिकालीन है।