भारतीय नौसेना ने छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत से प्रेरणा लेते हुए अहम बदलाव किया है।
अब एडमिरल के कंधे पर लगाई जाने वाली पट्टिका (एडमिरल्स एपोलेट) नए डिजाइन में नजर आएगी। किसी अधिकारी के पद को दर्शाने के लिए कंधे पर लगाई जाने वाली पट्टिका का अनावरण शुक्रवार को किया गया।
इससे तीन सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस बाबत घोषणा की थी। मोदी ने 4 दिसंबर को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में नौसेना दिवस समारोह में अपने संबोधन में इस बात को लेकर खुशी व्यक्त की थी।
उन्होंने कहा था कि नौसेना अधिकारियों की ओर से लगाए जाने वाले ‘एपोलेट’ अब छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत और धरोहर को प्रदर्शित करेंगे।
नौसेना ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘जैसा कि हम नववर्ष (2024) में प्रवेश कर रहे हैं। भारतीय नौसेना ने गर्व से ‘एडमिरल्स एपोलेट’ के नए डिजाइन का अनावरण किया है।’
1 जनवरी से नौसेना प्रमुख, वाइस एडमिरल और रियर एडमिरल नया एपोलेट लगाना शुरू करेंगे। इस नए एपोलेट में पिछले वाले की तुलना में 5 बदलवा किए गए हैं।
नए डिजाइन में नेवी ने क्राउन-प्रेरित लाल बैकग्राउंड को हटा दिया है जिस पर राष्ट्रीय प्रतीक लगता है। इसे मराठा राजा की राजमुद्रा या शाही मुहर से प्राप्त अष्टकोणीय के साथ बदला गया है।
नौसेना की ओर से बताया गया कि अष्टकोण 8 प्रमुख दिशाओं को दर्शाता है, जो कि ऑल-राउंड लॉन्ग-टर्म विजन का संकेत है।
नौसेना में भारतीय परंपराओं के तहत रैंक के नाम
पीएम मोदी ने कहा था कि नौसेना भारतीय परंपराओं के तहत अपने रैंक के नाम रखेगी। उन्होंने कहा कि देश गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। मोदी ने पिछले साल नौसेना ध्वज के अनावरण को याद किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महान मराठा साम्राज्य के संस्थापक देश के लिए नौसैनिक शक्ति के महत्व को जानते थे और उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान मजबूत समुद्री शक्ति का निर्माण किया।
उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी से प्रेरणा लेकर भारत गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़कर सभी मोर्चे पर आगे बढ़ रहा है।
मोदी ने कहा, ‘आज भारत अपने लिए बड़े लक्ष्य निर्धारित कर रहा है और उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर रहा है।’