ED यानी प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है।
केंद्रीय जांच एजेंसी की तरफ से दाखिल आरोपपत्र में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम भी शामिल है। कहा जा रहा है कि यह मामला हरियाणा में हुए एक जमीन के सौदे से जुड़ा हुआ है।
हाल ही में ईडी ने दावा किया था कि रॉबर्ट वाड्रा जांच के दायरे में रही लंदन की एक प्रॉपर्टी में रहे थे। रॉबर्ट कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद हैं।
खास बात है कि ईडी ने NRI कारोबारी सीसी थंपी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहली बार प्रियंका गांधी का नाम शामिल किया है।
इससे पहले ईडी उनके पति रॉबर्ट वाड्रा का नाम भी चार्जशीट में जोड़ा गया था। ईडी की तरफ से जारी बयान में कहा गया, ‘पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली के रियल ऐस्टेट एजेंट के जरिए हरियाणा में जमीन खरीदी थी। उस एजेंट ने जमीन NRI कारोबारी सीसी थंपी को भी जमीन बेची थी।’
क्या है मामला
साथ ही ईडी ने आरोप लगाए हैं कि वाड्रा और थंपी के बीच गहरा रिश्ता है। इसमें दोनों के बीच सामान्य के साथ व्यवसायिक हितों के शामिल होने की बात भी कही गई है।
दरअसल, इस मामले के तार भगोड़े संजय भंडारी से भी जुड़े हुए हैं, जो साल 2016 में ब्रिटेन भाग गया था। फिलहाल, ईडी उसके खिलाफ जांच कर रही है।
कहा जा रहा है कि इसमें मदद करने वालों में थंपी और ब्रिटेन के नागरिक सुमित चड्ढा का नाम शामिल है।
ईडी की तरफ से दाखिल चार्जशीट में कहा गया है, ‘फेडरल एजेंसी ने आरोप लगाए हैं कि वाड्रा और थंपी को जमीन बेचने वाले रियल ऐस्टेट एजेंट एचएल पाहवा को हरियाणा में जमीन खरीद के लिए किताबों से भुगतान मिला था और वाड्रा ने इस सौदे के लिए पूरी रकम नहीं दी थी। पाहवा ने साल 2006 में प्रियंका गांधी को कृषि भूमि भी बेची थी और साल 2010 में दोबारा खरीद ली।
साल 2020 में थंपी की गिरफ्तारी हुई थी और कथित तौर पर उसने जांच एजेंसी को बताया था कि वह वाड्रा को 10 साल से ज्यादा समय से जानते हैं।
उसने कथित तौर पर यह भी बताया था कि वाड्रा की UAE की यात्रा के दौरान उनकी कई बार मुलाकात हुई और दिल्ली में भी दोनों मिले थे।
ईडी का कहना था कि थंपी ने पाहवा की मदद से हरियाणा के अमीरपुर गांव में 2005 से 2008 के बीच 486 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी थी।