9 साल पहले गायब हुए मलेशिया के विमान को लेकर कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे गुत्थी सुलझने की उम्मीद दिखाई दे रही है।
एमएच370 विमान 2014 में यात्रियों समेत लापता हो गया था। अब एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर अब विमान की खोज शुरू की जाए तो इसका पता चल सकता है।
एयरोस्पेस एक्सपर्ट जीन लुक मरचंद और पैट्रिक ब्लेली ने शोध के बाद दावा किया है क उन्हें उस इलाके के बारे में पता चल गया है जहां से प्लेन गायब हुआ था।
रॉयल एयरोनॉटिकल सोसाइटी लंदन के एक लेक्चर के दौरान दोनों ने कहा कि 10 दिन के अंदर ही सर्च एरिया के बारे में सब कुछ पता लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, हमने अपना होमवर्क कर लिया है। हमारे पास प्रस्ताव है कि इस इलाके के बारे में खोज की जाए। 10 दिन के अंदर बड़ी बात पता चलेगी। वैसे तो कोई नहीं जानता कि एमएच370 का मलबा कब और कहां मिलेगा लेकिन यह एक बड़ी उम्मीद हो सकती है।
दोनों ने मलेशियाई सरकार और ऑस्ट्रेलियाई ट्रांसपोर्ट सेफ्टी अथॉरिटी से एक बार फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू करने के लिए कहा है।
दोनों ही एक्सपर्ट्स ने कहा कि प्रस्तावित इलाका इस बुनियाद पर चुना गया कि माना जा रहा है विमान को हाइजैक किया गया था और इसे गहरे समंदर में डुबो दिया गया।
एक वैज्ञानिक ने बताया कि यह नृशंस घठना थी जिसमें एक अनुभवी पायलट द्वारा विमान को गिरा दिया गया।
मरचड ने कहा, हमारे अध्ययन के बाद पता चला कि शायद किसी अनुभवी पायलट के द्वारा विमान का अपहरण कर लिया गया था। ज्यादा मलबा ना गिरे इसलिए इसे धीरे से डुबोया गया।
उद्देश्य यही था कि विमान के बारे में किसी को पता ही ना चले। उन्होंने कहा कि इस विमान के फ्लाट के रास्ते से अलग ले जाया गया क्योंकि पायलट को पता था कि सर्च ऑपरेशन विमान के रास्ते पर ही चलाया जाएगा।
दोनों का कहना है कि प्लेन के ट्रांसपॉन्डर को बंद कर दिया गया था। इसके बाद विमान ने यूटर्न लिया और यह अपने फ्लाट पाथ से अलग चला गया।
इसके बाद इसे ऑटो पायलट मोड में लगा दिया गया। इसके बाद इस विमान को ले जाकर नो मैन्स लैंड, थाई, इंडोनेशिया, इंडियन और मलय एयरस्पेस में ले जाया गया।
बता दें कि इस विमान में 12 क्रू मेंबर के साथ 227 यात्री सवार थे। विमान ने कुआलालमपुर एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और यह बीजिंग जा रहा था।
यह घटना 8 मार्च 2014 की थी। विमान लापता हो गया। बहुत खोजबीन के बावजूद आजतक विमान का मलबा भी नहीं मिला है।