कोई कृष्ण बचाने नहीं आएंगे, महिला को नग्न घुमाने और पीटने पर भड़का हाईकोर्ट; कही बड़ी बात

कर्नाटक में एक महिला को निर्वस्त्र कर पीटे जाने पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।

उच्च न्यायालय ने साफ कर दिया है कि यह एक असाधारण घटना है और इससे ‘असाधारण तरीके’ से ही निपटा जाएगा।

इस दौरान उन्होंने महाभारत का भी जिक्र कर दिया और कहा कि उस काल में भी ऐसी घटनाएं नहीं हुईं। अब तक इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

मीडिया रिपोर्ट्स में घटना की खबरों के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। साथ ही बेलगावी पुलिस प्रमुख को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं।

साथ ही पुलिस से ताजा रिपोर्ट भी मांगी गई है। कोर्ट ने कहा, ‘हमें पूरी जानकारियां चाहिए। इसे एक असाधारण घटना के तौर पर माना जाएगा और इसे असाधारण तरीके से ही निपटा जाएगा।’

कोर्ट ने कहा कि महिला को सार्वजनिक रूप से निर्वस्त्र करने जैसा अत्याचार ‘महाभारत में भी नहीं हुआ, जब द्रोपदी का वस्त्रहरण हो रहा था तब भगवान कृष्ण उन्हें बचाने के लिए आ गए थे।’ कोर्ट ने कहा, ‘आज की दुनिया में अगर दुर्योधन/दुशासन आते हैं, तो कृष्ण मदद के लिए नहीं आएंगे।’ जस्टिस प्रसन्न बी वराले और जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित ने घटना पर जमकर नाराजगी जाहिर की है और रिपोर्ट तलब की है।

क्या था मामला
11 दिसंबर को एक 42 वर्षीय महिला को घर से निकालकर निर्वस्त्र किया गया था। इतना ही नहीं सार्वजनिक तौर पर उसकी परेड कराई गई और बिजली के खंभे से बांधकर पीटा गया। करीब दो घंटों तक चली इस हैवानियत के बाद पीड़िता अस्पताल पहुंच गई थी। दरअसल, पीड़ित महिला का बेटा कथित तौर पर प्रेमिका के साथ 4 दिसंबर को भाग गया था। जबकि, उस युवती की 5 दिसंबर को किसी और से सगाई होनी थी।

जस्टिस वराले का कहना है, ‘मेरे पास कोई शब्द नहीं हैं। उसे निर्वस्त्र किया गया, खंभे से बांधा गया, जानवरों की तरह पीटा गया, देखिए जरा कि उस महिला को किस आघात से गुजरना पड़ा होगा। उन्हें इंसान कहने में शर्म आ रही है। जानवर भी इससे अच्छा बर्ताव करते हैं।’

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