रूस के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि भारत को पुराने संबंधों और रूस की ओर से अतीत में की गई मदद को ध्यान में रखना चाहिए।
यह टिप्पणी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए एक अमेरिकी उपमंत्री के भारत दौरे की पृष्ठभूमि में आई हैं।
मुंबई में रूस के महावाणिज्य दूत अलेक्सी सुरोवत्सेव ने यह भी कहा कि भारत को अपने हितों को आगे बढ़ाने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि अगर भारत भारत-रूस संबंधों के कुछ पहलुओं को ध्यान में रखता है तो रूस इसकी ‘‘सराहना’’ करेगा।
सुरोवत्सेव ने यहां एक कार्यक्रम के मौके पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भारत को 1947 में देश की आजादी से भी पहले के ‘‘दीर्घकालिक मैत्रीपूर्ण संबंध’’ को ध्यान में रखना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा हम निश्चित रूप से इस दोस्ती के विशेष उदाहरणों को जानते हैं जैसे कि 1971 जब सोवियत जहाज बंगाल की खाड़ी में भारतीय सेना और बेड़े के पीछे थे। इसलिए, निश्चित रूप से हम बेहद सराहना कर रहे हैं कि भारत ने इसे बरकरार रखा है।’’
सुरोवत्सेव आतंकवाद और वित्तीय खुफिया विभाग के अमेरिकी उप मंत्री ब्रायन ई नेल्सन की मौजूदा यात्रा के संबंध में एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
अमेरिकी कोषागार विभाग के अनुसार, अवैध वित्त से निपटने, धन शोधन रोधी मुद्दों जैसे अन्य मामलों के साथ-साथ प्रतिबंधों को लागू करना नेल्सन के प्रमुख एजेंडे में से एक है।