भारत के दौरे पर आए अमेरिकी एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (FBI) के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे आश्वासन दिया है कि वो अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास पर हुए हमले की गहनता से जांच कर रहे हैं।
इस मामले में क्रिस्टोफर रे की एनआईए चीफ दिनकर गुप्ता से भी मुलाकात हुई। एनआईए ने एफबीआई चीफ को हमले के कुछ सबूत दिए हैं।
साथ ही विश्वास जताया कि अमेरिका जल्द ही मामले का खुलासा करेगा। दोनों देशों की जांच एजेंसी प्रमुखों की यह मुलाकात तब हुई है जब अमेरिकी धरती पर सिख अलगाववादी गुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश के पीछे भारत के हाथ होने का आरोप लगाया गया है।
सूत्रों ने कहा है कि एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने भारत को आश्वासन दिया है कि अमेरिका सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की “आक्रामक” तरीके से जांच चल रही है और जल्द ही “विश्वसनीय” सुराग साझा किए जाएंगे।
रे ने मंगलवार को अपने दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रीय जांच एजेंसी के निदेशक दिनकर गुप्ता से मुलाकात के दौरान ये बातें कहीं।
बता दें कि इसी साल मार्च में खालिस्तान समर्थकों के एक समूह ने सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला कर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया था।
जुलाई में फिर से हमला हुआ। एनआईए की टीम ने अगस्त में सैन फ्रांसिस्को का दौरा किया था और कुछ सुराग लेकर वापस लौटी थी। एफबीआई और एनआई प्रमुखों के बीच यह मुलाकात इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि क्रिस्टोफर के भारत दौरे से पहले अमेरिका ने भारत पर खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारतीय अधिकारी की संलिप्तता पर पन्नू को मारने का कॉन्ट्रेक्ट जिस किलर को दिया गया वह अमेरिकी पुलिस विभाग का मुखबिर था, जिसने यह पूरी जानकारी साझा की।
अमेरिकी धरती पर फल-फूल रहा आतंकवाद
सूत्रों के अनुसार, बैठक में भारत ने इस बात पर ज़ोर दिया कि किस तरह अमेरिका में अभिव्यक्ति की आज़ादी का दुरुपयोग किया जा रहा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “एनआईए प्रमुख ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे अमेरिका में फैल रहे संगठित आपराधिक सिंडिकेट के सदस्यों के साथ आतंकवादी संगठनों और आतंकवादी तत्वों के बीच सांठगांठ है।”
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा सहित कई लंबित प्रत्यर्पणों पर भी चर्चा हुई।”
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी राणा को 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में उसकी कथित संलिप्तता के लिए भारतीय अधिकारियों द्वारा वांटेड घोषित किया गया है। वह फिलहाल अमेरिका में हैं।