श्री सिद्ध तंत्र पीठ भैरव मंदिर रतनपुर में नौ दिवसीय श्री भैरव महोत्सव और रुद्र महायज्ञ का समापन कन्या व ब्राह्मण पूजन,भोज एवं भंडारे के साथ हुआ।
रुद्र महायज्ञ में जनकल्याण के लिए ढाई लाख से अधिक आहुतियां डाली गई। आयोजन में दुर्ग/भिलाई से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
भैरव मंदिर के महंत पं. जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि 2005 से निरंतर हर वर्ष भैरव जयंती महोत्सव पर रुद्र महायज्ञ किया जाता है।
यह आयोजन जन कल्याण की भावना के साथ हर साल कराया जाता है, जिसमें प्रदेशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच कर यज्ञ में हिस्सा लेते हैं। रुद्र महायज्ञ की पूर्णाहुति पर ढाई सौ से अधिक कन्याओं और 11 ब्राह्मणों का पूजन कर भोजन कराया गया।
वहीं रुद्र महायज्ञ के साथ भगवान भैरव बाबा को हर रोज रात में तांत्रिक अनुष्ठान में भैरव सहस्त्रनाम पुरुष सुक्तत आदि मंत्रों से विशेष आहुतियां दी गई।
भैरव बाबा की जयंती पर 5 दिसंबर को एक क्विंटल गेंदा के फूल से श्रृंगार किया गया। पूजा-अर्चन के बाद बाबा को 56 प्रकार के भोग लगाए गए। महाआरती की गई।
भंडारे में प्रदेशभर से पहुंचे हजारों लोगों ने प्रसाद लिया रुद्र महायज्ञ की पूर्णाहुति पर अंतिम दिन विशाल भंडारे में हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
इसके पहले 9 दिन बाहर से आए श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में हर रोज भंडारे की व्यवस्था दोपहर और रात में मंदिर प्रबंधन की ओर से की गई।
वसंत पंचमी के दिन 14 फरवरी को भैरव मंदिर परिसर में नि:शुल्क सामूहिक विवाह व उपनयन संस्कार होगा, जिसमें प्रदेश के अलग-अलग जिले से लोग मदिर पहुंच कर विवाह के लिए पंजीयन करवा रहे हैं।
आयोजन में मंदिर प्रबंधन के सदस्य पं. दिलीप दुबे, पं. महेश्वर पांडेय, राजेंद्र दुबे, पं. कान्हा तिवारी आदि ने सहयोग दिया।