धीरज साहू ही बताएं कहां से आया इतना कैश; कांग्रेस ने अपने सांसद से झाड़ा पल्ला…

कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को कहा कि उसका सांसद धीरज साहू के कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है, जिनके परिसर से आयकर विभाग ने करीब 300 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद की है।

कांग्रेस मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि धीरज साहू ही बता सकते हैं कि इतना कैश कहां से आया। 

बता दें कि आयकर (आईटी) अधिकारियों ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से जुड़े परिसरों पर लगातार चौथे दिन छापेमारी जारी रखी।

यह छापेमारी झारखंड के रांची, सबलपुर, बोलांगीर, टिटिलागढ़, बौध और सुदरगढ़ और ओडिशा के राउरकेला और भुवनेश्वर में प्रभावशाली परिवार से जुड़ी संपत्तियों पर की गई है।

शुक्रवार तक, साहू और उनके परिवार के स्वामित्व वाले मुख्य रूप से ओडिशा स्थित डिस्टिलरी समूह से जुड़े स्थानों पर छापे के दौरान 220 करोड़ रुपये से अधिक नकदी बरामद की गई है।

इस भारी कैश बरामदगी के बाद भाजपा अब कांग्रेस पर हमलावर है। तमाम आरोपों ने बीच कांग्रेस ने खुद अपने सांसद के खजाने पर सवाल उठाए हैं।

जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, “सांसद धीरज साहू के बिजनेस से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है। सिर्फ़ वही बता सकते हैं, और उन्हें यह स्पष्ट करना भी चाहिए, कि कैसे आयकर अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर उनके ठिकानों से इतनी बड़ी मात्रा में कैश बरामद किया जा रहा है।”

ओडिशा स्थित शराब बनाने वाली कंपनी के एक समूह और उससे जुड़े प्रतिष्ठानों के खिलाफ आयकर विभाग की छापेमारी के बाद मिली ‘‘बेहिसाब’’ नकदी के 300 करोड़ रुपये से भी ज्यादा होने की संभावना है।

माना जा रहा है कि यह एजेंसी के किसी एक अभियान में अब तक बरामद हुआ ‘‘सबसे अधिक’’ कालाधन है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ छापे के बाद छह दिसंबर को शुरू हुई कार्रवाई के बाद आयकर विभाग ने नोटों की गिनती के लिए लगभग 40 बड़ी एवं छोटी मशीनें तैनात की हैं और गिनती की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए विभाग और बैंक के और कर्मचारियों को लाया गया है।

इसके अलावा, जब्त की गई नकदी को राज्य के सरकारी बैंकों तक पहुंचाने के लिए विभाग ने और वाहनों की मांग की है।

अतीत में हुई कुछ बड़ी जब्ती में 2019 की एक घटना शामिल है जब जीएसटी इंटेलिजेंस ने कानपुर स्थित एक व्यवसायी के खिलाफ छापेमारी की थी और 257 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी।

साथ ही एक अन्य घटना में आयकर विभाग ने जुलाई 2018 में तमिलनाडु में एक सड़क निर्माण कंपनी के खिलाफ छापे के दौरान 163 करोड़ रुपये की नकदी का पता लगाया था।

उन्होंने बताया कि बोलांगीर जिले में कंपनी के परिसरों में रखी लगभग 10 अलमारियों से 230 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए हैं, जबकि बाकी रकम टिटलागढ़, संबलपुर और रांची के परिसरों से जब्त की गई। सूत्रों ने बताया कि नकदी रखने के लिए करीब 200 छोटे-बड़े बैग का इस्तेमाल किया गया।

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