खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि अमेरिका ने उसे मारे जाने की साजिश को नाकाम कर दिया है।
साथ ही यह भी दावा किया गया कि इसे लेकर अमेरिका ने भारत को चेतावनी भी जारी कर दी है।
अब इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के तार भारत से जोड़े थे। हालांकि, इन दोनों देशों के मामले में भारत की प्रतिक्रिया काफी अलग रही।
एक ओर जहां अमेरिका से जुड़ी बात को भारत ने ‘गंभीरता’ से लेने की बात कही है। साथ ही अमेरिका से मिले इनपुट्स की जांच कर रहा है।
वहीं, कनाडाई पीएम के आरोपों पर भारत ने नाराजगी जाहिर की थी और कई बड़े ऐक्शन भी लिए थे। भारत ने कनाडा में वीजा सेवाएं रद्द कर दी थीं, जो अब दोबारा शुरू किए जाने की खबर है। इसके अलावा एक कनाडाई डिप्लोमैट को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
इतना ही नहीं भारत की ओर से अपने नागरिकों के लिए कनाडा में एडवाइजरी भी जारी की गई। भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों को भी देश छोड़ने के लिए कह दिया था। अब सवाल है कि दोनों देशों में भारत की प्रतिक्रिया अलग कैसे रही?
कनाडा ने सीधे सरकार से जोड़े तार: इन दोनों मामलों में कथित अपराध का तरीका अलग नजर आता है। इसके अलावा खुलासे के तरीके को भी देखें, तो कनाडा में हत्या के मामले की जांच चल रही है। जबकि, अमेरिका में निशाने पर बताया जा रहा शख्स सुरक्षित है। कनाडा ने इस हत्या के तार भारत सरकार से जोड़ दिए थे, लेकिन अमेरिका के मामले में ऐसा नहीं है।
संसद में बोल पड़े ट्रूडो: ट्रूडो ने कनाडाई संसद में ही बोलते हुए निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका होने की आशंका जता दी थी। वहीं, अमेरिका फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में दर्ज आरोपों को खारिज नहीं किया और कहा कि वे ‘अपने साझेदारों का साथ राजनयिक, कानून प्रवर्तन या खुफिया चर्चा पर टिप्पणी नहीं करते।’ रिपोर्ट सामने आने के बाद अमेरिका ने कहा कि इस गंभीरता से लिया जा रहा है और अमेरिकी सरकार ने भारत सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाया है।
रिश्ते कैसे हैं: अब भारत और कनाडा के रिश्ते आर्थिक ज्यादा हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में भारतीय भी वहां है। अब अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते काफी गहरे बताए जाते हैं। इनमें रणनीति से लेकर रक्षा, अंतरिक्ष, तकनीक, आर्थिक शामिल हैं। यहां भी बड़ी संख्या में भारतीय हैं।
जांच करेगी फैसला
कहा जा रहा है कि कनाडा और अमेरिका से रिश्तों के मामले में जांच के बाद ही बड़ा फैसला होने के आसार हैं। इस मामले में भारत और अमेरिका का अनुभव खास नहीं रहा है। देवयानी खोब्रागडे मामला काफी चर्चित हुआ था, जिसके चलते दोनों देशों के रिश्ते दिसंबर 2013 से मई 2014 तक खासे प्रभावित रहे थे।