भारत के आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को मौत की सजा सुनाई गई थी।
इसके खिलाफ भारत के द्वारा एक याचिका दायर की गई। कतर की अदालत ने गुरुवार यानी 23 नवंबर को अपील स्वीकार कर लिया है। जल्द ही इस मामले पर सुनवाई होगी।
कतर की अदालत ने बीते 26 अक्टूबर को यह फैसला सुनाया था। ये सभी डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज और कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ काम करते थे। अगस्त 2022 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 16 नवंबर को इसकी पुष्टि की थी। उन्होंने कहा भारत सरकार के द्वारा इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की बात कही थी।
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा है अपील कुछ दिनों बाद स्वीकार कर ली गई। अदालत ने 23 नवंबर को पहली सुनवाई करने का फैसला किया। गुरुवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने अपील को औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया। अगली सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी।
कतर की अदालत ने 26 अक्टूबर को अज्ञात आरोपों में भारत के आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी। ये सभी दोहा स्थित डहरा ग्लोबल के कर्मचारी थे और इन्हें जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। भारत ने फैसले को बेहद चौंकाने वाला बताया और इस मामले पर कतर के साथ बातचीत के लिए सभी राजनयिक चैनलों को एक्टिव किया है।
गिरफ्तार भारतीयों की पहचान कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश के रूप में हुई है। ये सभी भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं। मंत्रालय ने फैसले के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा था, “हम मौत की सजा के फैसले से गहरे सदमे में हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं, और हम सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।”