तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा से जुड़ा रिश्वत लेकर सवाल पूछने का मामला लोकसभा में बड़े बदलाव का कारण बन सकता है।
कहा जा रहा है कि लोकसभा सचिवालय ने सांसदों के लॉगिन आईडी को लेकर सख्त नियम जारी कर दिए हैं। अब सांसदों के सहायक और सचिव डिजिटल संसद का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
हालांकि, इसे लेकर सचिवालय की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सदन के पोर्टल और उसकी ऐप के पासवर्ड और ओटीपी साझा करने को लेकर सचिवालय सख्त हो गया है।
कहा जा रहा है कि सचिवालय ने सांसदों के सचिवों और निजी सहायकों के लिए डिजिटल संसद पोर्टल और ऐप पर एक्सेस ब्लॉक कर दिया है। इसका मतलब है कि अब सांसद के अलावा कोई भी लॉगिन नहीं कर सकेगा।
खास बात है कि सचिवालय की इस कार्रवाई के बाद सांसदों को सवाल दाखिल करने, ईमेल देखने और बिल जमा करने लिए खुद ही लॉगिन करना होगा।
यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब दोनों सदनों का शीतकालीन सत्र शुरू होने में कुछ हफ्तों का समय ही बाकी है। फिलहाल, संसद सत्र की तारीखों का ऐलान नहीं हुई है।
अब तक क्या व्यवस्था
1 सितंबर से ही डिजिटल संसद का इस्तेमाल शुरू हो गया था।
इसके तहत सदस्यों को सहायकों या सचिवों को उनका अकाउंट इस्तेमाल करने का अधिकार देने की अनुमति थी। सांसद अपने सहायकों या सचिवों का ईमेल आईडी, फोन नंबर देकर उन्हें अकाउंट का एक्सेस दे सकते थे।
क्या था मोइत्रा का मामला
भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए थे कि मोइत्रा ने दुबई के कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के साथ अपना संसद का लॉगिन साझा किया था। आरोप थे कि अडानी पर सवाल पूछे जाने के लिए ऐसा किया गया था।
बाद में लोकसभा एथिक्स कमेटी की बैठकें हुईं और टीएमसी सांसद को दोषी माना गया था।