चीन की धरती पर सोमवार से मुस्लिम देशों का जमावड़ा हुआ है।
सऊदी अरब, इजिप्ट, जॉर्डन और फिलिस्तीन यहां पर एक खास मकसद के साथ पहुंचे हैं। ड्रैगन की मेजबानी में हो रही इस बैठक का इजरायल-हमास युद्ध से भी कनेक्शन है।
यह दो दिवसीय बैठक चीन की तरफ से बुलाई गई है, जिसका मकसद मिडिल-ईस्ट में शांति की स्थापना है।
इसमें हिस्सा लेने पहुंचे सऊदी के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने कहाकि मुस्लिम और अरब देशों के प्रतिनिधि यहां से स्पष्ट संदेश देने के लिए जुटे हैं। उन्होंने आगे कहाकि लड़ाई और हत्याओं को बंद किया जाना चाहिए।
फिलिस्तीनियों को मिटाने का आरोप
इस दौरान फिलिस्तीनी प्राधिकरण के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी ने इजरायल पर आरोप लगाया कि वह फिलिस्तीनियों को मिटाना चाहता है।
अल-मलिकी आंशिक रूप से वेस्ट बैंक को नियंत्रित करते हैं। जानकारी के मुताबिक उन्होंने कहाकि हाल की अवधि में इजरायली सरकार द्वारा किए गए उपायों का उद्देश्य अपनी ऐतिहासिक जमीन के अवशेषों पर फिलिस्तीनी लोगों की उपस्थिति को खत्म करना है।
इजिप्ट सरकार के एक प्रवक्ता ने कहाकि इजरायल गाजा के निवासियों को मानवीय सहायता खत्म करने के लिए एक पॉलिसी इस्तेमाल कर रहा है।
उन्होंने कहाकि इजिप्ट राफा क्रॉसिंग के जरिए गाजा तक मदद पहुंचाना चाहता है। लेकिन इजरायल इसमें अड़ंगेबाजी कर रहा है।
चीन ने कही यह बात
चीन के विदेश मंत्री वैंग यी ने कहाकि मुस्लिम देशों का अच्छा दोस्त और भाई होने के नाते हमने हमेशा फिलिस्तीन को समर्थन किया है। हम फिलिस्तीनी लोगों के राष्ट्रीय अधिकारों की रक्षा करना चाहते हैं।
विशेष रूप से, गाजा में युद्ध 40 दिनों से अधिक समय तक चला गया है।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के हमले में 5,500 बच्चों और 3,500 महिलाओं सहित 13,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। तेल अवीव और उसका समर्थन करने वाले कई देशों ने संघर्ष विराम की मांग को खारिज कर दिया है।