इजरायल और हमास के बीच युद्ध खत्म होने के बजाय दिन-ब-दिन खतरनाक होता जा रहा है। इस जंग की लड़ाई अब गाजा के सबसे बड़े अल शिफा अस्पताल में केंद्रित हो गई है। बुधवार तड़के इजरायली सेना ने अस्पताल में घुसकर हमास के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इजरायल का यह भी दावा है कि उत्तरी गाजा में उसकी सेना पूर्ण नियंत्रण हासिल कर चुकी है। दोनों खेमों के बीच खूनी जंग को रोकने के लिए दुनिया भर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। कई मुस्लिम देश कई बार बैठक कर चुके, डब्ल्यूएसओ समेत कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां गुहार लगा चुकीं, मंगलवार को तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल से रहम बरतने की अपील कर डाली। इस बीच आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने दावा किया है कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध को रोकने का उपाय सिर्फ एक ही है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि केवल अहिंसा ही इजरायल-फिलिस्तीनी विवाद को समाप्त कर सकती है। सोमवार शाम नागपुर के एक जैन मंदिर में एक समारोह में बोलते हुए, भागवत ने भगवान महावीर की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए अहिंसा को सबसे बड़ी ताकत बताया। उन्होंने कहा कि केवल साहसी लोग ही अहिंसा को चुनते हैं, क्योंकि इसके लिए बहुत ताकत और हिम्मत की आवश्यकता होती है।
मिडिल ईस्ट में हो रहे कत्लेआम पर दूसरी बार बोले भागवत
यह दूसरी बार है जब भागवत ने मिडिल ईस्ट में चल रहे खूनी संघर्ष मुद्दे को संबोधित किया है। पिछले महीने उन्होंने कहा था कि हिंदू धर्म सभी संप्रदायों का सम्मान करता है और भारत ने ऐतिहासिक रूप से चल रहे यूक्रेन-रूस युद्ध और हमास-इज़राइल युद्ध जैसे मुद्दों पर संघर्ष नहीं देखा है।
मोहन भागवत ने कहा था कि हम हिन्दू हैं, इसलिए हमने कभी उन मुद्दों पर युद्ध नहीं देखे जो यूक्रेन-रूस और इजरायल-फिलिस्तीनियों के बीच चल रहे हैं।
इस बीच, आरएसएस सामाजिक जरूरतों के साथ बेहतर तालमेल बिठाने के लिए अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सुधार कर रहा है। पिछले सप्ताह गुजरात के भरूच में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के दौरान परिवर्तन पर चर्चा की गई थी। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि संगठन का लक्ष्य न केवल सामान्य प्रशिक्षण बल्कि व्यक्तिगत विशेषज्ञता के आधार पर स्पेशल ट्रेनिंग देना भी है।