नई दिल्ली में भारत और अमेरिका के बीच 2+2 बैठक में खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर मर्डर का भी मुद्दा उठा।
अमेरिका ने भारत से कनाडा को जांच में सहयोग करने के लिए कहा। भारत ने बिना देरी किए अमेरिका को आईने दिखा दिया और आतंकी गतिविधियों के सबूत दिए।
भारत ने कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों को लेकर अपनी गंभीर चिंताओं से शुक्रवार को अमेरिका को अवगत कराया।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने आज भारत से एक सिख अलगाववादी की हत्या मामले की कनाडा द्वारा की जा रही जांच में सहयोग करने का आह्वान किया।
ब्लिंकन ने कहा, ”हमारा मानना है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत कनाडा द्वारा की जा रही जांच में सहयोग करे और दोनों देश सहयोगात्मक तरीके से इस मतभेद को सुलझाने का रास्ता खोजें। इस संबंध में आज की वार्ता के दौरान मैंने अपने भारतीय समकक्ष के साथ चर्चा की।”
आपको बता दें कि जून में सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में हत्या को लेकर नई दिल्ली और ओटावा के बीच राजनयिक गतिरोध बना हुआ है। कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की संभावित संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सितंबर में आरोप लगाये जाने के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव आ गया था।
अमेरिका भारत से हत्या की कनाडाई सरकार की जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है। अमेरिका के आग्रह पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, ‘‘जहां तक कनाडा का सवाल है, हम अपने सभी मित्रों और साझेदारों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। इस मामले पर हमारी स्थिति कई मौकों पर स्पष्ट और विस्तार से बताई गई है।’’ क्वात्रा ने कहा, ‘‘हमारे साझेदारों के साथ हमारी बातचीत का जोर आज किसी भी अन्य मंच से अलग नहीं है – यह मूलतः यही है कि हमारी मुख्य चिंता सुरक्षा को लेकर है, पन्नू का एक हालिया वीडियो सामने आया है जो भारतीय हित के लिए एक बहुत ही गंभीर सुरक्षा चिंता उत्पन्न करता है।’’
प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हाल ही में एक वीडियो जारी करके 19 नवंबर को एअर इंडिया की उड़ानों के यात्रियों को धमकी दी थी। इस दिन (19 नवंबर को) आईसीसी विश्व कप फाइनल होना है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वार्ता में कनाडा के साथ भारत के संबंधों पर चर्चा हुई, तो क्वात्रा ने कहा, ‘‘हमने अपने मित्रों और साझेदारों को अपनी स्थिति बहुत स्पष्ट कर दी है, वे भारत की भावना को समझते हैं और इसकी सराहना करते हैं।’’