पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रम्प ने अपने फैमिली बिजनेस एंपायर के खिलाफ चल रहे धोखाधड़ी के मामले में बुधवार को कोर्ट में गवाही दी।
42 वर्षीय इवांका ने 2017 में ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन छोड़ दी थी और राष्ट्रपति पिता की व्हाइट हाउस सलाहकार बन गई थीं। इसलिए, वह इस मामले में प्रतिवादी नहीं हैं, बावजूद उन्हें इस मामले में गवाही देने के लिए समन किया गया था।
बुधवार को जब गवाही देने के लिए इवांका का नाम लिया गया तो जज आर्थर एंगरॉन ने चुटकी लेते हुए कहा,”वह कौन है?” इस पर एक अदालत अधिकारी ने कहा, “लोग इन्हें इवांका ट्रंप कहते हैं।”
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प, उनके सबसे बड़े बेटे डॉन जूनियर और एरिक और ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन के अन्य अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने ज्यादा बैंक लोन और अधिक मूल्य की बीमा प्राप्त करने के लिए अपनी अचल संपत्ति के मूल्य को अरबों डॉलर तक बढ़ा-चढ़ाकर बताया था।
न्यूयॉर्क राज्य के अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स ने इस मामले में केस दर्ज करवाया था।
लेटिटिया जेम्स ने इवांका ट्रम्प की गवाही से पहले कहा कि उन्होंने वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित बयानों के आधार पर लोन को सिक्योर करने के लिए बातचीत की थी।
जेम्स ने संवाददाताओं से कहा, “वह आज खुद को कंपनी से दूर करने का प्रयास करेंगी लेकिन दुर्भाग्य से, तथ्यों से पता चलेगा कि वास्तव में वह इस प्रकरण में पूर्णत: शामिल थीं। जेम्स ने कहा कि इस मामले में इवांका को व्यक्तिगत रूप से लाभ हुआ है।
जनवरी 2021 में डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद से इवांका ट्रम्प ने खुद को लो प्रोफ़ाइल रखा है। फैमिली बिजनेस के कथित फ्रॉड केस में अदालत में उनकी गवाही उनके पिता और उनके दो भाइयों, डॉन जूनियर और एरिक की गवाही के बाद हुई है।
अगले साल होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव के नामांकन में रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में सबसे आगे चल रहे डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को अदालत में सख्त रुख अपनाया और जज से बार-बार भिड़ते दिखे।
उन्होंने इस मुकदमे को अपमानित करने वाला और चुनावी हस्तक्षेप बताया। इस मामले में उन्हें और उनके बेटों को जेल जाने का खतरा नहीं है, लेकिन उन पर 250 मिलियन डॉलर तक का जुर्माना और उन सभी को पारिवारिक बिजनेस के प्रबंधन से निष्कासन का सामना करना पड़ सकता है।
कोर्ट में बहस शुरू होने से पहले ही, जज एंगोरोन ने फैसला दिया कि लेटिसिया जेम्स के कार्यालय ने पहले ही “निर्णायक सबूत” दिखा दिए थे कि ट्रम्प ने 2014 से 2021 के बीच वित्तीय दस्तावेजों पर अपनी कुल संपत्ति 812 मिलियन डॉलर को बढ़ा-चढ़ाकर 2.2 बिलियन डॉलर बताया था।
इसके बाद जज ने मैनहट्टन में ट्रंप टावर और 40 वॉल स्ट्रीट जैसी गगनचुंबी इमारतों जैसी संपत्तियों का प्रबंधन करने वाली कंपनियों के खिलाफ आदेश दिया। इस आदेश से ट्रंप की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।