भारत और कनाडा के बीच खालिस्तान के मुद्दे पर काफी महीनों से तनावपूर्ण माहौल चल रहा है।
भारत ने भी कनाडा को उसी के अंदाज में हर बार जवाब दिया है, जिससे कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपने ही देश में घिर गए हैं।
अब भारत से जुड़ा हुआ कनाडा ने बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, कनाडा 2024 में भी 4,85,000 नए अप्रवासियों को प्रवेश देगा, लेकिन उसकी योजना 2025 तक इस संख्या को 500,000 तक बढ़ाने की है।
आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री मार्क मिलर ने 2024-26 के लिए आव्रजन योजनाओं को लॉन्च करते हुए कहा कि 2026 से आव्रजन स्तर 5,00,000 तक कर दिया जाएगा।
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत कनाडा में इमिग्रेशन और छात्रों का सबसे बड़ा सोर्स है, इसलिए भारतीय इसके सबसे बड़े लाभार्थी होंगे क्योंकि उन्हें आर्थिक श्रेणी के तहत 2,81,135 नए लोगों और पारिवारिक श्रेणी के तहत 1,14,000 का बड़ा हिस्सा मिलने जा रहा है।
पिछले साल, 1,18,000 से अधिक भारतीयों ने कनाडाई स्थायी निवास (पीआर) अपनाया, जो कि कनाडा में आने वाले सभी 4,37,120 नए लोगों का एक चौथाई है। नए आप्रवासन टारगेट्स से कनाडा की जनसंख्या में हर साल 1.3 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।
वास्तव में, रिकॉर्ड इमिग्रेशन लेवल ने कनाडाई आबादी को 40 मिलियन का आंकड़ा पार करने में मदद की है, जबकि देश को आवास की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली सरकार आवास संकट के कारण योजना के विरोध में जनमत सर्वेक्षणों के बावजूद उच्च इमिग्रेशन लेवल पर अड़ी हुई है।
मिलर ने कहा, “कनाडा नए लोगों का स्वागत करना जारी रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें उनके नए जीवन में समर्थन मिले।” हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि इमिग्रेशन लेवल को 5,00,000 तक सीमित किया जा रहा है क्योंकि हम मानते हैं कि आवास, बुनियादी ढांचे की योजना और स्थायी जनसंख्या वृद्धि को उचित रूप से ध्यान में रखा जाना चाहिए।