इजरायल और हमास के बीच चल रही खूनी जंग में 20 वर्षीय भारतीय मूल के इजरायली सैनिक की भी मौत हो गई है।
इजरायली शहर डिमोना के मेयर ने फेसबुक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी। वह डिमोना शहर का रहने वाला था, उसे इजरायल का ‘मिनी भारत’ भी कहा जाता है।
डिमोना के मेयर ने सैनिक की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि बड़े दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि हम गाजा की लड़ाई में अपने शहर के बेटे को खो चुके हैं।
उसकी मौत से शहर शोक में डूबा हुआ है। इजरायल और हमास के खिलाफ जंग को 25 दिन से ज्यादा का समय हो गया है। इस कत्लेआम में मरने वालों की तादात 10000 से ज्यादा हो गई है। अकेले गाजा पट्टी में मौत का आंकड़ा 8 हजार से ज्यादा है।
डिमोना शहर के मेयर बेनी बिट्टन ने बुधवार को सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि गाजा में लड़ाई के दौरान मारे गए इजरायली लड़ाकों में एक 20 वर्षीय भारतीय मूल का इजरायली सैनिक भी शामिल था। इस सैनिक का नाम हलेल सोलोमन बताया जा रहा है, जो दक्षिणी इजरायली शहर डिमोना से था।
डिमोना के मेयर बेनी बिट्टन ने बुधवार को एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि बड़े दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि हम गाजा में लड़ाई के दौरान डिमोना के बेटे हलेल सोलोमन को खो चुके हैं।
उन्होंने लिखा, “हम हेलल की मौत से दुखी हैं। दुःख की इस घड़ी में हम उसके माता-पिता और परिजनों के साथ हैं। हेलेल में देश की सेवा करने का जूनूत था और इसीलिए वह गिवती ब्रिगेड में भर्ती हुआ। हेलेल देश के लिए समर्पित जवान था। उसकी नजरों में हमेशा अपने माता-पिता के लिए सम्मान था। पूरा डिमोना शहर उसके निधन पर शोक मना रहा है।”
मिनी भारत के नाम से मशहूर डिमोना शहर
डिमोना इजरायल के दक्षिण में एक शहर है जो देश के परमाणु रिएक्टर के रूप में पहचाना जाता है। लेकिन कुछ लोग इसे “मिनी भारत” भी कहते हैं, क्योंकि यहां भारत से आए यहूदियों की बड़ी संख्या है।
भारतीय समुदाय के लोगों ने पीटीआई को बताया कि वह “सरल व्यवहार वाला एक युवा था और उसका भविष्य बहुत उज्ज्वल था।” उन्होंने हलेल के निधन पर दुख जताया है।
साथ ही हमास के खिलाफ गाजा में चल रही जंग को जायज बताते हुए कहा कि यह लड़ाई इजरायल के अस्तित्व की लड़ाई है। भारतीय समुदाय के लोगों ने लड़ाई में मारे गए अन्य इजरायली लोगों के परिजनों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की है।
गाजा में हमास के खिलाफ लड़ाई में कम से कम 11 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। इजरायली सैनिकों की मौत पर प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस जंग को हमास के खिलाफ निर्णायक युद्ध बताया है। साथ ही वो जीत मिलने तक लड़ाई जारी रखने की कसम भी खा चुके हैं।
नेतन्याहू ने कहा, “हम कठिन युद्ध का सामना कर रहे हैं। यह जंग लंबी चल सकती है। इस युद्ध में हमारे पास कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां भी हैं तो अपनों को खोने का नुकसान भी।”