दुनियाभर में हर चौथा इंसान अपने आप को अकेला महसूस करता है।
यह दावा मेटा गैलप की ओर से जारी ग्लोबल स्टेट ऑफ सोशल कनेक्शंस 2023 की रिपोर्ट में की गई। इसमें बताया गया कि दुनियाभर में 49 फीसदी लोग अपने आप को अकेला नहीं मानते हैं। वहीं भारत में 65 फीसदी लोग अपने आप को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं।
हालांकि, अधिक उम्र में अकेलापन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। यहां 45 साल से ऊपर का हर पांचवां इंसान (20 फीसदी) अपने को अकेला पाता है। यह सर्वे करीब करीब 142 देशों में 3.2 अरब लोगों पर किया गया।
इस सर्वे में पुरुष और महिलाओं में अकेलेपन की दर समान देखी गई। दुनियाभर में 24 फीसदी पुरुष और महिला बहुत अधिक अकेलापन महसूस करते हैं।
हालांकि, भारत में महिलाओं से ज्यादा पुरुष अकेलेपन की स्थिति से जूझते मिले। यहां 31 फीसदी पुरुष और 28 फीसदी महिलाओं ने अपने को अकेला बताया। वहीं 40 प्रतिशत पुरुष और 44 फीसदी महिलाओं ने इस बात से इनकार किया।
दुनिया में युवाओं में अकेलापन ज्यादा
अध्ययन के दौरान अलग-अलग आयु वर्गों के लोगों को शामिल किया गया। इसमें 19-29 आयु वर्ग के युवा वयस्क, 30-44 आयु वर्ग और 65 और उससे अधिक आयु वालों को रखा गया।
इसमें से 19-29 आयु वर्ग वालों में 27 फीसदी ने अकेलेपन की सूचना दी। वहीं दुनियाभर में बुजुर्गों में सिर्फ 17 फीसदी ने कहा कि वे अकेले हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 72 फीसदी लोग दूसरों के साथ सामाजिक रूप से बहुत अधिक जुड़ा महसूस करते हैं।
16 फीसदी को अजनबियों से बातचीत में दिक्कत नहीं
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि दुनिया भर में लोग एक-दूसरे के साथ कैसे बातचीत करते हैं। इसमें 58 फीसदी ने दिन में कम से कम एक बार विभिन्न सामाजिक समूहों के साथ बातचीत का ब्योरा दिया।
वहीं 46 फीसदी ने पड़ोसी या आस-पास रहने वालों से बातचीत का बताया। दुनिया की आबादी का एक तिहाई हिस्सा रोजाना अपने दोस्तों या परिवार के साथ बात करता है। वहीं 16 फीसदी ने कहा कि पिछले सात दिन में एक बार उन्होंने अजनबियों से बात की।
भारत और पड़ोसी देश में हालात
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 42 फीसदी लोगों ने माना कि वह अकेलापन महसूस करते हैं। वहीं अकेलापन की सबसे ज्यादा दर श्रीलंका में है, जहां 48 फीसदी नागरिक अकेले रहते हैं। बांग्लादेश इस सूची में तीसरे स्थान पर है, जहां 40 फीसदी लोग अकेले हैं।